भगवान जगन्नाथ के लिए अनासर घर
कोविड-19 महामारी के दौरान घर में पृथक वास दुनिया के लिए नई बात थी। परंतु यह प्रथा हमारे देश भारत के ओडिशा में जगन्नाथ मंदिर में प्राचीन काल से प्रचलित है। ओडिशा सरकार ने लोगों से घर मे रहने और कोविड मानदंडो का पालन करने के लिए इस प्रथा का प्रचार किया कि कैसे वार्षिक रथयात्रा से पहले भगवान जगन्नाथ स्वयं को क्वारंटीन रूम यानी पृथक-वास कक्ष में अलग कर लेते हैं। इस क्वारंटीन रूम को अनासर घर भी कहा जाता है।
“घरे रुकंतु सुस्थ रूहंतु”
कोरोना को लेकर ओडिशा सरकार के प्रमुख प्रवक्ता सुब्रतो बागची ने कहा, "जगन्नाथ भगवान के पृथक वास का उदाहरण लोगो द्वारा आसानी से स्वीकार किया जा रहा है और उन्हे घर के अंदर रखने में लाभदायक भी साबित हो रहा है।” प्रचार को और ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए राज्य सरकार ने एक नारा भी बना दिया है जो है- "घरे रुकंतु सुस्थ रूहंतु” यानि घर में रहे,स्वस्थ रहे ।
उन्होने कोविड-19 संक्रमित पाए जाने वाले लोगों को क्वारंटीन में जाने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि अनासर ओड़िया संस्कृति का अहम हिस्सा है । संक्रमण दूसरे में न फैले इसके लिए क्वारंटीन में रहना बेहद आवशयक है।
बागची ने यह तक कहा कि राज्य सरकार इस बात पर बहुत अच्छे से ध्यान दे रही कि यदि कोई कोविड संक्रमित पाया जाता है तो वह 14 दिन क्वारंटीन में अवशय रहेगा।यहां तक कि ब्रह्मांड के स्वामी (भगवान जगन्नाथ) भी बीमार पड़ने पर स्वयं को पृथक कर लेते हैं।
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