5. सप्तम भाव का कारक बुध तथा भावेश शुक्र होता है। शुक्र को धरती और रिजक (धन) कहा गया है। बुध को अकाश और अक्ल कहा गया है। इस चक्की की कीली आठवां घर होता है, जो शनि और मंगल का घर है। आठवें घर के ग्रह गोचर या वर्षफल में जब लग्न या अष्टम भाव में आएंगे तो आपसी संबंधों के फलस्वरूप शुभाशुभ फल देने में सक्षम होंगे।
6. यदि आपकी कुंडली में बुध और शुक्र के हालात सही नहीं है तो किसी लाल किताब के विशेषज्ञ को कुंडली दिखाकर यह चक्की घर में रखेंगे तो हालात सही हो जाएंगे। यह चक्की आपकी गृहस्थी को बेहतर रूप में चलाने में सक्षम है। इसे घर में रखने से गृहस्थी को नजर नहीं लगती है।
जानिए अपने घर की बनावट का शुभ या अशुभ प्रभाव पूछिए वास्तु विशेषज्ञ से