सदैव प्रकाशवान, ग्रहों के राजा और सम्पूर्ण जगत को जीवन ऊर्जा देने वाले सूर्य देव की धर्मपत्नी देवी संध्या के एक पुत्र धर्मराज यम और एक पुत्री यमुना थीं। सूर्य देव के ताप को सहन ना कर सकने पर देवी संध्या ने अपने पिता शिल्पकार देव विश्वकर्मा से परामर्श माँगा। दस वर्षों तक तप करने का परामर्श मिलने पर उन्होंने छल से अपनी छाया विकसित की, जो कि उन्हीं की भाँति पर काली दिखाई देती थी और सूर्य का ताप भी सहन कर सकती थी। देवी संध्या तप करने चली गईं।
मुझे अपने सपनों की नौकरी कब और कैसे मिलेगी? मिलेगा हर परेशानी का हल बस एक क्लिक से