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Guru Gochar 2021 : वक्री ग्रह गुरु कुंभ राशि में कब होंगे मार्गी, जानिए समय व तिथि

oasisdal Myjyotish expert Updated Wed, 14 Jul 2021 04:50 PM IST
Jupiter Transit in Aquarius Effects
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Jupiter Transit 2021 Effects - ज्योतिष शास्त्र  ( Astrology)  के अनुसार , वक्री (Retrograde)  हमेशा जटिल व चुनौतीपूर्ण (Challenging)  होता है क्योंकि वह आपके जीवन के कई महत्वपूर्ण कार्यों पर विराम लगा देता है । और उससे जुड़े हुए ग्रहों द्वारा शासित क्षेत्रों में समीक्षा ( Review)  , पुनर्मूल्यांकन (Reevaluation) और बदलाव (Change) करने को विवश करता है। बृहस्पति ग्रह  (JupiterPlanet ) भाग्य (Fate ) और प्रचुरता (Abundance)  का कारक ग्रह माना जाता है। जब ये ग्रह वक्री होता है तो इसकी गति मंद  ( Slow) पड़ जाती है जिससे व्यक्ति हताशा (Desperation ) की तुलना में ज्ञान ज्यादा अर्जित  करता है। सौभाग्य, ज्ञान -विद्या , भेंट  और अभ्यास को दर्शाने वाला यह ग्रह जब वक्री होता है तो इस ग्रह से संबंध रखने वाला व्यक्ति के भीतरी विकास की ओर बढ़ता है।

बृहस्पति ग्रह हर वर्ष (Every Year )  वक्री होता है, व इस अवधि में जो वृद्धि साधारण रूप से बाहर की ओर निर्देशित होती है , वो भीतर की ओर मुड़ जाती है। हमारे प्रतिदिन (Everyday) के जीवन में अच्छी तरह से आगे बढ़ने वाली चीजें भी मंद पड़ जाती हैं या बिल्कुल बंद हो जाती हैं। जो हमें हमारी चीजों के अलग-अलग पहलुओं और हमारी परेशानियों से निजात पाने के नए तरीकों पर विचार करने के लिए हमें विवश करता है। जब बृहस्पति ग्रह कुंभ राशि ( Aquarius)  में वक्री होता है तो हम जिस किसी भी कार्य को करना चाहते हैं या जिस किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं उनकी समीक्षा करने का हमें पूरा समय मिलता है। और फिर मार्गी गुरु की अवधि में अपनी समीक्षा से  कार्यरूप में सफल परिणाम परिणाम प्राप्त करके हम जीवन में आने वाली परेशानियों (Troubles) से लड़ सकते हैं।  वक्री गुरु हमें अपनी परियोजनाओं के विकास (Development) और अपनी तरक्की के लिए भले ढंग से तैयार करता है जिससे हमें भविष्य (Future)  में बेहतर सफलता प्राप्त करने के आसार बढ़ जाते हैं और मदद मिलती है।

बृहस्पति ग्रह कुंभ राशि में प्रस्थान कर रहे हैं लेकिन इस गोचर के दौरान बृहस्पति ग्रह वक्री हैं वक्री यानी बृहस्पति ग्रह इस समय उल्टी चाल चल रहे हैं। हिंदू पंचांग ( Hindu Calendar)  के अनुसार वर्तमान में कुल 4 ग्रह वक्री हैं। बृहस्पति ग्रह के साथ शनिदेव भी मकर राशि में वक्री हैं व इनके साथ ही राहु और केतु भी वक्री हैं। ज्योतिष शास्त्र (Astrology)  के अनुसार ग्रह राहु और ग्रह केतु सदैव ही वक्री रहते हैं।

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