ऐसे कहे तो वास्तु शास्त्र में हमारे जीवन को आरामदायक, खुशहाल तथा संपन्नता पूर्ण बनाने के कई तरीके हैं, जिन्हें जानकर हम अपने जीवन के कई परेशानीयों से छुटकारा पा सकते हैं। लेकिन इस आर्टिकल(Article) में उन सब बातों को ध्यान में ना रखते हुए सिर्फ घर के निर्माण से संबंधित वास्तु- सिद्धांतों की बात करेंगे। प्राय: हम सब ने आसपास के घरों में देखा है कि किसी के घर में कलह का वातावरण छाया हुआ है या किसी के घर में आर्थिक सुदृढ़ता या धन की कमी है तो कहीं किसी परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य ही ठीक नहीं है, इन सब के पीछे एक मूल कारण होता है कि घर निर्माण करते वक्त वास्तुशास्त्र में दिए गए सिद्धांतों को नजर-अंदाज करना। इसलिए, आज हम वास्तु शास्त्र के उन सिद्धांतों पर चर्चा करेंगे, जिनका घर निर्माण करते वक्त विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र में ऐसी मान्यता है कि उत्तर दिशा देवता कुबेर को समर्पित है जो लक्ष्मी(धन) के प्रतिक है। कहा जाता है कि अगर घर निर्माण के वक्त उत्तर दिशा का वास्तु सही हो तो घर में आर्थिक स्थिति की सुदृढ़ता के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी तरक्की बनी रहती है।
चलिए अब हम जानते हैं कि वास्तु शास्त्र में दिशा(direction) को लेकर कौन-कौन सी प्रमुख सिद्धांतों का वर्णन किया गया है, जिनका घर निर्माण करते वक्त खास रुप से ध्यान देना चाहिए:-
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