भारत देश में त्यौहारों के आने जाने का सिलसिला लगा रहता हैं, ऐसे में श्री कृष्ण जन्माष्टमी ऐसा पर्व हैं जो हर वर्ग के व्यक्ति पूरे उत्साह एवं उल्लास के साथ मनाया जाता हैं I देवकी माँ के गर्भ से भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण ने भादो मास के अष्टमी तिथि को जन्म लिया था, तब से यह दिवस एक बड़े उत्सव के रूप मे मनाया जाता हैं I आपकों बता दें कि इस वर्ष भगवान का जन्मोत्सव 30 अगस्त, सोमवार को मनाया जाएगा I भगवान श्री कृष्ण का संपूर्ण जीवन किसी शास्त्र से कम नहीं हैं I लड्डू गोपाल ने अपने बाल काल से ही अपने लीलाओं के माध्यम से मानव जाति को सफल जीवन के सूत्र दिए I बाल गोपाल ने अपने शिशु काल से ही अपने द्वारा किए गए लीलाओं के माध्यम से मानव जाति को शिक्षा देना प्रारंभ कर दिया था ,चाहे हो गोवर्धन पूजा करके प्रकृति के संरक्षण तथा संवर्धन के विषय में आगाह करना हो या फिर कंस के वध से पाप और दुराचार का अंत करना हो। जहाँ एक तरफ भगवान विष्णु अधर्म को पराजित कर धर्म की ध्वजा लहरातें हैं तो दूसरी ओर भगवान नारायण की अर्धांगिनी माता लक्ष्मी धन, वैभव, ऐश्वर्य की दात्रीं हैं, द्वापर में माता लक्ष्मी ने रुक्मिणी जी के रूप मे अवतार लिया था Iऐसी मान्यता हैं कि अगर माँ लक्ष्मी आपसे प्रसन्न हैं तो बांकेबिहारी की भी कृपा बनीं रहतीं हैं I जानकारों की मानें तो अगर किसी व्यक्ति के जीवन में कोई आर्थिक समस्या हैं तो वह इस जन्माष्टमी को श्री कृष्ण के साथ साथ माता लक्ष्मी को भी प्रसन्न करके अपने जीवन की कठिनाइयों से छुटकारा पा सकतें हैं। आइए जानतें हैं कि इस दिवस को क्या क्या उपाय करना चाहिए :
जन्माष्टमी स्पेशल : वृन्दावन बिहारी जी का माखन मिश्री भोग