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Home ›   Photo Gallery ›   Blogs Hindi ›   importance of offering Revdi-Peanuts at the time of Lohri

जानिए लोहड़ी के समय रेवड़ी-मूँगफली चढ़ाने का महत्व

sonam Rathore My Jyotish Expert Updated Thu, 06 Jan 2022 12:03 PM IST
Significance of Peanuts in Lohri
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मकर सक्रांति के दिन करें पूजन, आएगी सुख-समृद्धि
लोहड़ी की कई कथाएँ प्रचलित हैं। जिनमें कहा जाता है कि परमशक्ति देवी सती के पिता प्रजापती दक्ष के द्वारा आयोजित महायज्ञ में बिन बुलाए वे पहुँची। वहाँ दक्ष प्रजापति ने शिवजी का अपमान किया और क्रोधित होकर माता सती ने अग्निकुंड में आत्मदाह कर लिया। इससे महादेव ने क्रोधित होकर प्रजापती दक्ष को कठोर दंड दे दिया। माता पार्वती के रूप में जन्मी माता सती से दक्ष ने उन्हें ससुराल में इस लोहड़ी के त्योहार पर उपहार भेज अपनी भूल को सुधारने का प्रयास किया था। जिस कारण नव-विवाहित कन्याओं हेतु उनके मायके से वस्त्र और उपहार भेजने की प्रथा है।

किंवदंति है कि लोहड़ी और होलिका दोनों बहनें ही थीं। लोहड़ी के अच्छी प्रवृति के कारण, होलिका तो अग्नि में जल गई लेकिन लोहड़ी बच गई। एक कथा कहती है कि मकर संक्रांति की तैयारियों के समय भगवान कृष्ण को मारने जब कंस ने लोहिता राक्षसी को भेजा, तब लोहिता का वध भगवान ने किया। मकर संक्रांति के एक दिन पूर्व घटना होने के कारण उस दिन लोहड़ी मनाने लगे।

पारंपरिकता के आधार पर लोहड़ी के फसल की बुआई और कटाई से जुड़ा त्योहार होने के कारण फसल को अग्नि देवता को समर्पित कर किसान परिक्रमा लगाकर प्रसन्नता व्यक्त करते हैं। वे मानते हैं कि इससे उनके दुःखों की समाप्ति और परिवारिक सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।लोहड़ी में जलाई गई अग्नि में गजक और रेवड़ी को डालने की परंपरा को बहुत ही शुभ माना जाता है। इस अग्नि में मूँगफली और पॉपकॉर्न भी डाला जाता है। अपने बच्चे को बुरी नज़र से बचाने के लिए माँ उसको आग से तापती है। ऐसे समय लोकगीत के ताल पर थिरकते लोगों के कारण अत्यंत मस्ती का माहौल बन जाता है।

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