Mangalwar ke Upay - कभी भी यदि भक्त और भक्ति की बात आती है तो सबसे पहला नाम पवन पुत्र हनुमान का लिया जाता है। जैसे सप्ताह कर हर दिन किसी ना किसी देवी-देवता या भगवान को समर्पित है वैसे ही मंगलवार का दिन श्रीराम के भक्त हनुमान को समर्पित होता है। मान्यताओं और पौराणिक कथाओं के अनुसार हनुमान जी को 11वां रुद्रावतार माना जाता है जो अजेय अमर हैं यानी की ना कोई उन्हें हरा सकता है ना ही उनकी मृत्यु हो सकती है।कहा जाता है कि पवन पुत्र आज भी धरती पर विचरण करते रहते हैं और जहां भी अखंड रामायण का पाठ श्रद्धापूर्वक किया जा रहा होता है वहाँ वो किसी ना किसी रूप में जरूर उपस्थित होते हैं। इस कारण पवन पुत्र हनुमान को इस युग का प्रत्यक्ष देवता भी माना जाता है।
राम भक्त हनुमान अत्यंत शक्तिशाली हैं और अपने भक्तों के सारे कष्ट और पीड़ा को हारते हैं और संकट का निवारण करते हैं इसलिए लोग उन्हें बजरंगबली, महावीर और संकट मोचन जैसे नामों से भी पुकारते हैं। हनुमान जी के संकट मोचन के नाम के पीछे एक पौराणिक कथा और मान्यता भी है। आइए जानते हैं उसके बारे में...
मान्यताओं और पौराणिक कथाओं के अनुसार त्रेतायुग में जब भगवान राम पर संकट आए थे तब हनुमान जी ने पूरी निष्ठा और भक्ति भाव के साथ श्रीराम की सहायता की थी। हनुमान जी अपने प्रभु श्रीराम के सहायक बनकर उनके साथ रहे और बड़े से बड़े संकट को दूर किया। जब माता सीता को खोजने की बात आयी थी तब पवन पुत्र हनुमान ही थे जिन्होंने समुद्र पार कर माता सीता का पता लगाया था और रावण की सोने की लंका अपने पूँछ से जला डाली थी।
रावण से राम के युद्ध के दौरान जब मेघनाद के तीर से लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे तब हनुमान जी ने संजीवनी बूटी ला कर उनके प्राणों की रक्षा की थी और श्रीराम का दुःख दूर किया था।
दुनिया में ऐसा कोई भी संकट नहीं जिसे संकट मोचन हनुमान दूर ना कर पाएँ। संकट में पड़े भक्तगण जब भी संकट मोचन को हृदय से पुकारते हैं तो हनुमान जी उनकी सहायता के लिए जरूर आते हैं। अगर आपके जीवन में भी किसी प्रकार की समस्या चल रही है और आप परेशानियों से घिरे हुए हैं तो संकट मोचन की आराधना पूरे भक्ति भाव से करें आपकी पीड़ा अवश्य दूर होगी। मंगलवार जो की संकट मोचन का दिन माना जाता है उस दिन इन उपायों को करने से आपको लाभ ज़रूर मिलेगा। आइए जानते हैं संकट मोचन को प्रसन्न करने के उपायों के बारे में।
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