. गरूड़ पुराण के अनुसार ऋतुकाल प्रारंभ के चार दिन में गर्भाधान न कर के आठवें दिन करना चाहिए जिससे योग्य और कुशल संतान की प्राप्ति होती है, किंतु चिकित्सा विभाग इस बात की पुष्टि नही करता है।
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