. अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें यह पर्व हर्षोल्लास का है। भक्ति का है, प्रेम का है। ऐसा कोई कार्य न करें जिससे आपस में, परिवार में, समाज में किसी तरह का मतभेद हो। आपस में प्रेमभाव बनाकर रहें जिससे पर्व को धूमधाम से मनाया जा सके।
दरिद्रता से मुक्ति के लिए ज़रूरी है अपने ग्रह-नक्षत्रों की जानकारी, देखिए अपनी जन्म कुंडली मुफ़्त में