तृतीय भुजा
तीसरी भुजा में मोदक आनंद एवं सुख का प्रतीक है। जब व्यक्ति को संतोष का अनुभव होता है वह उसके जीवन का सुखद क्षण होता है। जब तक आपके हृदय में संतोष नही होगा तब तक आप अपने जीवन में सुखी नही रह पाएंगे। मोदक की भांति ज्ञान भले आपको बाह्य सुख न दे पर उसकी जो आंतरिक मिठास है वो आपको प्रबल, विद्वान बनाती है जैसे मोदक धीरे धीरे आपको मिठास और स्वाद देता है, और खत्म होने पर एक सुखद अनुभव देता है।
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