'अष्टलक्ष्मी स्तोत्र'
1. आद्य लक्ष्मी
सुमनस वन्दित सुन्दरि माधवि, चन्द्र सहोदरि हेममये,
मुनिगण वन्दित मोक्षप्रदायिनि, मंजुल भाषिणी वेदनुते।
पंकजवासिनी देव सुपूजित, सद्गुण वर्षिणी शान्तियुते,
जय जय हे मधुसूदन कामिनी, आद्य लक्ष्मी परिपालय माम्।।
2. धान्यलक्ष्मी
अयिकलि कल्मष नाशिनि कामिनी, वैदिक रूपिणि वेदमये,
क्षीर समुद्भव मंगल रूपणि, मन्त्र निवासिनी मन्त्रयुते।
मंगलदायिनि अम्बुजवासिनि, देवगणाश्रित पादयुते,
जय जय हे मधुसूदन कामिनी, धान्यलक्ष्मी परिपालय माम्।।
कार्तिक पूर्णिमा पर कराएं सामूहिक सत्यनारायण कथा, हवन एवं ब्राह्मण भोज, सभी कष्टों से मिलेगी मुक्ति : 19 नवंबर 2021