3. इसी दिन समुद्रमंथन के पश्चात लक्ष्मी व धन्वंतरि प्रकट हुए थे। इसी दिन माता काली भी प्रकट हुई थी इसलिए बंगाल में दीपावली के दिन कालिका की पूजा का प्रचलन है।
भाई दूज को यम द्वीतीया भी कहते हैं। यम के निमित्त धन तेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज पांचों दिन दीपक लगाना जाहिए। कहते हैं कि यमराज के निमित्त जहां दीपदान किया जाता है, वहां अकाल मृत्यु नहीं होती है। इस दिन यम के मुंशी भगवान चित्रगुप्त की पूजा का भी प्रचलन है। इस दिन श्रीकृष्ण ने इंद्रोत्सव की जगह गोवर्धन पूजा को प्रारंभ किया था।
भगवान विष्णु के 24 अवतारों में 12वां अवतार धन्वंतरि का था। उन्हें आयुर्वेद का जन्मदाता और देवताओं का चिकित्सक माना जाता है। धनतेरस के दिन उनका जन्म हुआ था। इस दिन यम पूजा भी होती है।
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