पंचोपचार पद्धति क्या है?:
पंचोपचार पद्धति में हम सबसे प्रथम कार्य पंचदेव पूजन करते हैं। जिसमें पांच देवताओं की पूजन की जाती है। प्रथम श्री गणेश जी की पूजा उसके बाद भोलेनाथ जी की फिर माता दुर्गा एवं विष्णु और सूर्यदेव की विशेष पूजा की जाती हैं।
सबसे पहले हम भगवान धन्वंतरि का चित्र रखें, जिसमें वो अपने हाथों में अमृत कलश लिए हो ।
उसके तत्पश्चात उस चित्र को धूप, दीप, पुष्प, नैवेद्य आरती से उनकी विशिष्ठ पूजा करें, जिससे आपको उचित फल एवं सुख शांति समृद्धि प्राप्त होगी ।
धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि जी की पूजा करने से आरोग्य एवं धन लक्ष्मी की पूर्ति एवं समृद्धि प्राप्त होगी, इन सभी कार्यों को करने से बन सकता है । आपका अच्छा योग प्रातः काल में 8 बज के 18 मिनट से लेकर 9 बज के 14 मिनट तक शुभ मुहूर्त का कालचक्र का विशेष योग बन रहा हैं, जिसमें इन कार्यों को प्रातः काल के समय में करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होगी ।
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