4. इस दिन धन्वंतरि देव की षोडशोपचार विधि से पूजा करें, यानी 16 क्रियाओं से पूजा करें। ये 16 क्रियाएं हैं- पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, आभूषण, गंध, पुष्प, धूप, दीप, आचमन, स्तवपाठ, ताम्बुल,तर्पण एंव नमस्कार। पूजा के अंत में सांगता सिद्धि के लिए दक्षिणा भी चढ़ाएं।
5. फिर धन्वंतरि देव के प्रत्यक्ष धूप, दीप जलाकर उनके मस्तक पर हलदी कुमकुम, चंदन या चावल लगाएं। इसके बाद उन्हें हार और फूल चढ़ाएं। पूजन में अनामिका अंगुली से चंदन, कुमकुम, अबीर, गुलाल या हल्दी लगाएं। सभी सामग्री के साथ उपरोक्त षोडशोपचार की पूजा करें। पूजा करते समय उनके मंत्र का जाप करते रहें।
6. पूजा के पश्चात प्रसाद या भोग चढ़ाएं। हालांकि ये ध्यान में रखें कि आपने भोग या प्रसाद में नमक, मिर्च और तेल का प्रयोग ना किया हो। हर एक पकवान पर तुलसी का एक पत्ता रखें।
नजर दोष व शत्रु दमन के लिए काली चौदस पर कालीबाड़ी मंदिर (दिल्ली) में माँ काली की पूजा : 03 नवंबर 2021