2. जब पहले भाव की युति दसवें भाव में हो तो धन योग होता है और यदि यह योग कुंडली में हो तो जातक योग कारक ग्रहों की में धन एवं सभी भौतिक सुख-सुविधाओं को पाता है यह महा धन योग की दशा होती है।
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