1. जब लक्ष्मी योग लग्न भाव में बली हो और नौवा भाव उच्च या स्वराशि में होकर केंद्र या त्रिकोण में स्थित हो तो धन योग होता है। अथवा लग्न भाव एवं नौवें भाव की युति या परस्पर स्थान परिवर्तन हो तो भी धन योग होता है अथवा नौवा भाव एवं शुक्र ग्रह उच्च या स्वराशि का होकर केंद्र या त्रिकोण में स्थित हो तो धन योग होता है यदि यह योग कुंडली में हो तो जातक योगकारक ग्रहों की दशा में धन एवं सभी भौतिक सुख सुविधाओं और साधना का भोग लिखा होता है।
इस सावन कराएँ सभी ग्रह दोष समाप्त करने लिए विशेष नवग्रह पूजा, मुफ़्त में बुक करें अभी