चन्द्रग्रहण के दौरान क्या न करें एवं इससे बचने के क्या है उपाय
. ग्रहण की समयावधि में मंदिर के द्वार बंद कर देने चाहिए। मूर्तियों का स्पर्श भी नही करना चाहिए।
. इस दौरान न तो भोजन बनाएं और न ही खाएं। यदि ऐसा करते हैं तो स्वास्थ्य पर भोजन का विपरीत प्रभाव पड़ेगा। बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। आने वाले लंबे समय तक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से नही निकल पाएंगे।
. मान्यता है कि ये ग्रहण अल्ट्रावायलेट किरणों के उत्सर्जन से कच्चे नही पर पके हुए भोजन को हानिकारक कर देता है पर ऐसा कहा जाता है कि तुलसी के पत्ते को डालकर ऐसा होने से भोजन को बचाया जा सकता है।
. ग्रहण के पूर्व समय में भगवान को किसी प्रकार का भोजन न चढ़ाएं।
. ग्रहण के बाद नहा लेना चाहिए, इसके पश्चात स्नेहपूर्वक दान करना चाहिए।
. ग्रहण की समयावधि में उपवास करें पानी भी न पिएं।
. इस दौरान किसी भी तरह के विवादों से दूर रहें। पति पत्नी को आपसी विवाद नही करना चाहिए अन्यथा छोटे विवाद बड़ा रूप ले सकते हैं। ग्रह के प्रभाव से समस्याएं बड़ी हो सकती है।
. गर्भवती स्त्रियों को इस समय के दौरान विशेष ध्यान रखना चाहिए अपने साथ नारियल रखना चाहिए अन्यथा ग्रहों के प्रभाव बच्चे पर पड़ सकते हैं।
. ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए मन में ही भगवान का स्मरण करें।
. ग्रहण जब समाप्त हो तो आटा, चावल, उड़द दाल, काला तिल, काले कपड़ों का दान करना चाहिए।
. इस समयावधि में चंद्रग्रहण, राहु, केतु से जुड़े मंत्रों का जाप करना चाहिए। मान्यता है कि चन्द्र ग्रहण का कारण राहु केतु होते हैं।
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