आपको कोई भी दान करना हो तो उसके लिए कुछ विशेष बातों का ध्यान रखा जाता है। गोदान करते समय आपको अपने हाथ में त्रिकुश, जल, पुष्प, अक्षत आदि को हाथ में लेकर संकल्प करके उसे छोड़ दीजिए। तथा आप साथ में दक्षिणा का भी संकल्प कर सकते हैं। संकल्प करते समय आपको इस मंत्र का उच्चारण करना होगा।
संकल्प : ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णु नम: परमात्मने पुरुषोत्तमाय ॐ तत्सत् अद्य ब्रह्मणो द्वितीय परार्धे श्री श्वेत वराह कल्पे वैवस्वत मन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलि प्रथम चरणे जम्बुद्वीपे भारतवर्षे भरत खण्डे... क्षेत्रे... पराभव नाम संवत्सरे उत्तरायणे/ दक्षिणायने,---- ऋतौ, --- मासे, ---पक्षे, ---तिथौ (तिथि),---वासरे (दिन) ---गौत्र: शर्मा/ वर्मा/ गुप्तोअहं। शास्त्रोक्त फल प्राप्ति द्वारा मम समस्त पितृ शान्त्यर्थे श्री परमेश्वर प्रीत्यर्थं... दान (या गौ/ भूमि इत्यादि) निष्क्रय द्रव्यं चाहं करिष्ये।' ॐ तत्सत्।
आपके स्वभाव से लेकर भविष्य तक का हाल बताएगी आपकी जन्म कुंडली, देखिए यहाँ