• हिंदू धर्म के अनुसार यह माना जाता है कि हमारे पुराणों में लिखा है कि गोदान कुल 5 प्रकार के होते हैं।
1. पहला गोदान ऋण धेनु माना जाता है। इस गोदान का तात्पर्य व्यक्ति को सभी प्रकार के ऋण से मुक्त कराना।
2. दूसरा गोदान पापापनोद धेनु माना जाता है। इस गोदान का तात्पर्य है कि व्यक्ति को सभी प्रकार के पापों से मुक्त कराना है।
3. तीसरा गोदान उत्क्रांति धेनु माना जाता है।
4. चौथा गोदान वैतरणी धेनु माना जाता है।
5. पांचवा गोदान मोक्ष धेनु माना जाता है। तथा इसका अर्थ व्यक्ति को सांसारिक मोहमाया त्याग कर इस इस जीवन चक्र से मोक्ष प्राप्त करना है।
सर्वपितृ अमावस्या को गया में अर्पित करें अपने समस्त पितरों को तर्पण, होंगे सभी पूर्वज एक साथ प्रसन्न -6 अक्टूबर 2021