Astrology
- फोटो : Myjyotish
सूर्य ग्रहों के राजा माने जाते हैं जो सभी ग्रहों में सबसे ऊपर होते हैं । जिनका सम्बन्ध चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण दोनों से होता है । अंतर सिर्फ इतना मात्र होता है । कि सूर्यग्रहण में सूर्य की रोशनी धरती तक नहीं पहुंच पाती चंद्र पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है । जबकि चंद्रग्रहण के समय सूर्य और चंद्र के बीच पृथ्वी आ जाती है जिससे सूर्य की रोशनी चंद्र तक नहीं पहुंच पाती जिससे चंद्रग्रहण कहते हैं ।
जैसा की हम सब अवगत है कि सभी ग्रहों के स्वामी सूर्य मीन राशि से निकलकर मेष राशि में चले गए हैं । जिसे सूर्य का गोचर कहते हैं बता दे की सूर्य का यह गोचर 13 अप्रैल को मध्य रात्रि के बाद 2 बजकर 33 मिनट पर मेष राशि में आ गए है । इसलिए आज बड़े स्तर पर संक्रांति के दान पुण्य किए जाएगें वैदिक ज्योतिष के अनुसार, सूर्य एक राशि में एक महीने तक रहते हैं और जिस दिन सूर्य राशि में प्रवेश करते हैं, उस दिन को संक्रांति के नाम से जाना जाता है। इसलिए आज 14 अप्रैल को मेष संक्रांति का उत्सव है और जिसके प्रभाव से आज कुंभ में पवित्र डुबकी भी श्रद्धालु लगाएंगे। जो बड़ा आकर्षण दृश्य हो होगा आध्यात्मिकता का परिचायक होगा आपको बता दे कि सूर्य का मेष राशि में गोचर होने पर सभी राशियों पर प्रभाव है । कुछ राशियों की आमदनी बढ़ेगी तो किसी के व्यापार में तेजी आएगी तो वहीं कुछ राशियों के जीवन में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ेगा।