5. यदि शनि आपकी कुंडली में पंचम भाव इसे आपके संतान को नुकसान होने का खतरा बनता है। तथा साथ ही इस दौरान दिवालिया होने की भी संभावना बनी रहती है और यदि आप कोई नया निर्माण कर रहे हैं तो उससे भी बचें।
6. यदि शनि आपकी कुंडली में छठे भाव में उपस्थित है तो इससे आपको रोग से मुक्ति प्राप्त होगी और जमीन तथा जायदाद में भी वृद्धि होगी। इस दौरान आपको किसी भी मुसीबत में ना फंसे।
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