माना जाता है कि वो महर्षि वेद व्यास जी ही थे जिन्होंने हमारे सनातन धर्म के चारों वेदों की व्याख्या की थी। इसके अलग उन्हें श्रीमद्भागवत,महाभारत,ब्रम्हसूत्र,मीमांसा के अतिरिक्त और 18 पुराणों का भी रचयिता माना जाता है। उन्हें आदि गुरु के नाम से भी संबोधित किया जाता है।चूंकि हमारे शास्त्रों में भगवान से भी ऊंचा दर्ज गुरु को दिया गया है,इसलिए गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरु के विशेष पूजन का एक विधान है।
शुभ मुहूर्त:
पूर्णिमा प्रारम्भ तिथि - 23 जुलाई ,शुक्रवार 10 बजकर 43 मिनट से
पूर्णिमा समाप्त तिथि - 24 जुलाई, शनिवार को सुबह 08 बजकर 06 मिनट पर।
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