आलस भरा जीवन
कहते हैं इंसान का सबसे अच्छा दोस्त और सबसे बुरा दुश्मन वो स्वयं होता है। अगर व्यक्ति अपने जीवन में गलत आदतों को पनाह देता है तो को खुद अपने जीवन को नष्ट कर रहा है। ऐसी ही एक बुरी आदत है आलस करने की आदत। ये ना सिर्फ युवा वर्ग के लिए अपितु हर आयु के व्यक्ति के लिए हानिकारक मानी जाती है। व्यक्ति अपने कुछ समय के आलस के लिए अपने महत्वपूर्ण कामों में भी समझौता कर लेता है। बिना जाने व्यक्ति अपने जीवन का अमूल्य समय नष्ट कर देता है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि युवावस्था में व्यक्ति को थोड़ा सा भी आलस नहीं करना चाहिए। इस समय आलस इंसान की सफलता का शत्रु बन जाता है। इसलिए व्यक्ति को सदैव एक अनुशासित जीवन जीना चाहिए। इंसान को अपने सोने और जागने का समय निर्धारित करके रखना चाहिए ताकि उसके अलावा उसका थोड़ा सा भी समय बेकार ना हो।
जीवन के संकटों से बचने हेतु जाने अपने ग्रहों की चाल, देखें जन्म कुंडली