2. पितृ दोष- पितृ दोष के बारे में अधिकतर लोग जानते हैं। पितरों के प्रसन्न नहीं होने के चलते व्यक्ति को यह दोष लग जाता है। हर वर्ष आने वाले पितृपक्ष में पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा पाठ नहीं करने, पितरों का श्राद्ध नहीं करने और श्राद्ध कर्म में भाग नहीं लेने के कारण यह दोष प्रभावी हो जाता है और जीवन में कई तरह की मुश्किलों को लेकर आ जाता है। साथ ही किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु या केतु के साथ सूर्य का संयोजन होने से भी पितृ दोष का निर्माण होता है। इसके चलते व्यक्ति के
जीवन में विकास रुक जाता है या फिर नौकरी नहीं लग पाती है। अगर लगती है तो वेतन काफी कम होता है। इस दोष के कारण धन की हानि होने लगती है।
इसके मुताबिक दोष निवारण उपाय-
- गया एवं काशी जाएं और अपने दिवंगत पूर्वजों का तर्पण वहां करें।
- रोज पक्षियों एवं कौवा को खाना खिलाएं।
- अमावस्या के दिन सुबह हरी घास सफेद गाय को चढ़ाएं और आशीर्वाद दें जिससे जीवन में पितृदोष से होने वाले मुश्किलों का हल प्राप्त होगा।
- पूरे विधि-विधान और नियम के साथ किसी विद्वान ज्योतिष से दोष निवारण पूजा कराएं।
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