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Hanuman Jayanti 2022 LIVE Updates: हनुमान जयंती पूजा विधि शुभ मुहूर्त,इस बार रवि योग में होगी बजरंगी की पूजा

Myjyotish Expert Updated 16 Apr 2022 03:57 PM IST
hanuman jayanti 2022 live updates hanuman puja vidhi shubh muhurat time upay in hindi
हनुमान जयंती पूजा विधि शुभ मुहूर्त 2022 लाइव अपडेट - फोटो : Myjyotish

खास बातें

LIVE Hanuman Jayanti (हनुमान जयंती) 2022 Puja Vidhi Shubh Muhurat Updates -श्रीराम भक्त हनुमान जी का जन्म चैत्र पूर्णिमा के मंगलवार के दिन चित्रा नक्षत्र और मेष लग्न के योग में हुआ था. कहते हैं कि इस दिन बजरंगबली की विधि-विधान से पूजा अर्चना करने वाले भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. हनुमान जयंती इस बार आने वाले शनिवार को है यानि 16 अप्रैल को मनाई जाएगी.

लाइव अपडेट

03:52 PM, 16-Apr-2022

हनुमान जयंती पर करें इन मंत्रों का जाप


हनुमान जी के द्वादशाक्षरी मंत्र का 1008 बार जप करना चाहिए, लेकिन अगर इतना न हो सके तो 108 मंत्रों का जप अवश्य ही करें। इस प्रकार हनुमान जी के द्वादशाक्षरी मंत्र से सिद्ध किये हुए यंत्र को वाहन आदि पर लगाने से आप अपने वाहन की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। हनुमान जी का ये द्वादशाक्षरी यंत्र वही यंत्र है, जिसे महाभारत में श्रीकृष्ण ने अर्जुन के रथ की पताका पर लगाया था और जिसको लगाने के बाद से अर्जुन युद्ध में विजयी होते गए।

अगर आप भी आज इस यंत्र को बनाकर अपने वाहन, अपनी कार या मोटरसाईकिल आदि पर लगाते हैं, तो आपको कभी भी वाहन दुर्घटना का भय नहीं रहेगा और सफर पर जाते समय आपकी सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। तो आज इस यंत्र को अपने वाहन आदि पर लगाना आपके लिये बहुत ही लाभकारी होगा। इससे आप हर तरह की मुसीबत से बचे रहेंगे।

जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
03:01 PM, 16-Apr-2022

हनुमान स्त्रोत

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं।
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं।
रघुपतिप्रियभक्तं वातात्मजं नमामि।।
यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनं तत्र तत्र कृतमस्तकांजलिम।
वाष्पवारिपरिपूर्णालोचनं मारुतिं नमत राक्षसान्तकम्।।

राशि अनुसार जाने, संकटमोचन हनुमान जी का भोग। 
 

02:31 PM, 16-Apr-2022

हनुमान स्तुति मंत्र

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं। 

दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।। 
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं। 
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।

आज ही करें बात देश के जानें - माने ज्योतिषियों से और पाएं अपनीहर परेशानी का हल 

01:48 PM, 16-Apr-2022

हनुमान जयंती की पूजा विधि

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करें। 
  • इसके बाद हनुमान जी को ध्यान कर हाथ में गंगाजल लेकर व्रत का संकल्प लें।
  • उसके बाद पूर्व दिशा की ओर भगवान हनुमान जी की प्रतिमा को स्थापित करें। 
  • फिर सच्चे मन से हनुमान जी की प्रार्थना करें।
  • उसके बाद एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा दें और इसपर हनुमान जी की फोटो रखें।
  • उसके बाद सबसे पहले एक पुष्प के द्नारा जल अर्पित करें।
  • अब फूल अर्पित करें और फिर रोली या चंदन लगाएं।
  • इसके साथ ही अक्षत चढ़ाएं। 
  • अब भोग चढ़ाएं और जल अर्पित करें। 
  • इसके बाद दीपक और धूप जला कर आरती करें और हनुमान जी के मंत्रों का जाप, सुंदरकांड और चालीसा का पाठ पढ़े। 

राशि अनुसार जाने, संकटमोचन हनुमान जी का भोग। 
 
01:06 PM, 16-Apr-2022
हनुमान जयंती का शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 16 अप्रैल सुबह 05:55 मिनट से
पूर्णिमा तिथि 16 अप्रैल 12:24 मिनट तक रहेगी

पूजा सामग्री

हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की पूजा विधि-विधान से करना शुभ होता है। इसलिए पूजा करने से पहले ये सामग्री ले लें। एक चौकी, एक लाल कपड़ा, हनुमान जी की मूर्ति या फोटो, एक कप अक्षत, घी से भरा दीपक, फूल, चंदन या रोली, गंगाजल, तुलसी की पत्तियां, धूप, नैवेद्य (गुड और भुने चने)

जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
12:28 PM, 16-Apr-2022
आज के दिन न करें यह कार्य  


यदि किसी के घर में किसी की मौत गई है और सूतक चल रहा है तो हनुमान जन्मोत्सव के दिन व्रत या फिर पूजा न करें और मंदिर भी न जाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि सूतक के समय आप अशुद्ध होते हैं। इसलिए 13 दिनों तक पूजा-पाठ न करें। 

अगर परिवार में किसी बच्चे ने जन्म लिया है तो ऐसे में बच्चा पैदा होने के 10 दिनों तक हनुमान जी के साथ किसी अन्य भगवान की पूजा नहीं करनी चाहिए।

हनुमान जी की पूजा करने से पहले अगर आपने कुछ खाया हो तो पहले मुंह को अच्छी तरह से साफ कर लें।  कभी भी झूठे मुंह से उनकी पूजा नहीं करनी चाहिए।


जानें कैसे पाया माँ अंजना ने अपने पुत्र हनुमान को
12:00 PM, 16-Apr-2022
हनुमान जयंती पर भूल कर भी न करें ये काम। 

हनुमान जी की पूजा के दौरान लाल, भगवा या फिर पीले रंग के ही कपड़े पहनकर पूजा करें। भूलकर भी सफेद या काले रंग के वस्त्र पहनकर पूजा न करें।

हनुमान जी को भूलकर भी चरणामृत का भोग न लगाएं। ऐसा करने से भगवान रुष्ट हो सकते हैं। चरणामृत के बदले आप चने की दाल, गुड़, बूंदी के लड्डू आदि का भोग लगा सकते हैं।

भगवान बजरंगबली बाल ब्रह्मचारी हैं। इसलिए इस दिन अगर कोई महिला हनुमान जी की पूजा कर रही हैं तो उन्हें स्पर्श न करें। बेहतर होगा की दूर से ही पूजा कर लें।

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11:26 AM, 16-Apr-2022
हनुमान जी भगवान शिव के ग्यारवें रुद्र अवतार के साथ साथ एकमात्र ऐसे देवता हैं जो कि कलयुग में भी धरती पर वास करते हैं। माता सीता के आशीर्वाद से हनुमान जी को चिरंजीवि का वरदान प्राप्त हुआ है। कहा जाता है कि कलयुग में अपने भक्तों की रक्षा के लिए हनुमान जी धरती पर वास करते हैं। 
भगवान हनुमान की जन्म स्थली से जुड़े कई दावे किए जाते है।

हनुमान जी के पिता वानरराज केसरी कपि क्षेत्र के राजा थे। कई लोगों का मानना है कि हरियाणा का कैथल पहले कपिस्थल हुआ करता था और इसी स्थान पर हनुमानजी का जन्म हुआ था और कुछ लोग इसे हनुमान जी की जन्मस्थली भी मानते है। कर्नाटक की तरफ मान्यता है कि कर्नाटक के हंपी में ऋष्यमूक के राम मंदिर के पास मतंग पर्वत है। वहां पर मतंग ऋषि का आश्रम भी हुआ करता था और उसी में हनुमान जी का जन्म हुआ था। इसी के साथ कुछ लोग बताते हैं कि हंपी का प्राचीन नाम पंपा था और प्रभु श्रीराम की पहली मुलाकात हनुमान जी से यहीं पर हुई थी।

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10:47 AM, 16-Apr-2022
हनुमान जयंती पर ग्रहों की स्थिति

हनुमान जयंती पर शनि मकर और बृहस्पति मीन राशि में रहेंगे. जबकि मेष राशि में सूर्य, बुध और राहु की युति बन रही है. यानी मेष राशि में त्रिग्रही योग का निर्माण हो रहा है. वहीं, केतु तुला राशि में रहेगा. हनुमान जयंती पर इस वर्ष रवि योग भी बन रहा है, जिसमें सूर्यदेव की विशेष कृपा होती है, इसलिए किसी नए काम को शुरू करने के लिए यह योग बहुत ही शुभ माना जाता है. 

राशि अनुसार जाने, संकटमोचन हनुमान जी का भोग। 
04:25 PM, 15-Apr-2022
यदि आपके कार्य में किसी भी प्रकार की समस्या आ रही है तो हनुमान जन्मोत्सव का दिन आपके लिए बहुत उपयोगी है। आप इस दिन हनुमानजी के मंदिर में जाएं। उन्हें गुड़ और चने के प्रसाद का भोग लगाए। इसके बाद इस प्रसाद को लोगों में बांट दें। इससे आपके कार्य में आ रही किसी भी प्रकार की समस्या हो वह जरूर दूर हो जाएगी और आपके काम बनने लगेंगे।

हनुमान जन्मोत्सव के दिन हनुमान मंदिर में जाएं और हनुमान जी को गुलाब के फूलों की माला अर्पित करें और बजरंग बली के सम्मुख बैठकर श्री रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करें। कहते हैं कि इस उपाय को करने से जीवन में आ रही हर प्रकार की समस्या और बाधाएं दूर हो जाती है।

जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
03:52 PM, 15-Apr-2022

हनुमान जन्मोत्सव पर शनि दोष से मुक्ति पाने के उपाय-


शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए हनुमान जन्मोत्सव के दिन मंदिर में बजरंगबली को केवड़े का इत्र और गुलाब की माला चढ़ाएं। इसके बाद सरसों के तेल का दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।

हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाने से संकटों से मुक्ति मिलने की मान्यता है। मान्यता है कि हनुमान जी प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि व आरोग्य का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए हनुमान जन्मोत्सव के दिन नारियल लेकर हनुमान मंदिर जाएं और अपने ऊपर से सात बार उतारते हुए हनुमान जी के सामने फोड़ दें। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन की हर बाधा दूर होती है।

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03:19 PM, 15-Apr-2022
हनुमान जन्मोत्सव पर बनने वाले शुभ मुहूर्त-

ब्रह्म मुहूर्त- 04:26 AM से 05:10 AM।
अभिजित मुहूर्त- 11:55 AM  से 12:47 PM।
विजय मुहूर्त- 02:30 PM से 03:21 PM।
गोधूलि मुहूर्त- 06:34 PM से 06:58 PM।
अमृत काल- 01:15 AM, अप्रैल 17 से 02:45 AM, अप्रैल 17।
रवि योग- 05:55 AM से 08:40 AM।

राशि अनुसार जाने, संकटमोचन हनुमान जी का भोग। 
02:31 PM, 15-Apr-2022
हनुमान जन्मोत्सव पर बन रहे ये अशुभ मुहूर्त-

राहुकाल- 09:08 AM से 10:45 AM
यमगण्ड- 01:58 PM से 03:34 PM
आडल योग- 08:40 PM से 05:54 AM, अप्रैल 17
विडाल योग- 05:55 AM से 08:40 AM
गुलिक काल- 05:55 AM से 07:31 AM
दुर्मुहूर्त- 05:55 AM से 06:46 AM
वर्ज्य- 04:12 PM से 05:43 PM
भद्रा- 05:55 AM से 01:28 PM

आज ही करें बात देश के जानें - माने ज्योतिषियों से और पाएं अपनीहर परेशानी का हल
02:04 PM, 15-Apr-2022

शनिदेव ने दिया था हनुमान जी को वचन-

धार्मिक कथाओं के अनुसार, शनिदेव को रावण ने लंका में बंधी बना रखा था। तब हनुमान जी ने ही शनिदेव को रावण के बंधन से मुक्त कराया था। उस वक्त शनिदेव से हनुमान जी को वचन दिया था कि उनके अशुभ प्रभाव बजरंगबली को भक्तों पर नहीं पड़ेंगे।

शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है। अगर संभव हो तो इस दिन सुंदरकांड का पाठ भी अवश्य करें। हनुमान जी की पूजा करने से शनिदोष से मुक्ति पाने की मान्यता है।

हनुमान जनोमत्सव पर एक उपाय से होंगी सभी बाधायें दूर

01:20 PM, 15-Apr-2022
हनुमान जी को पवन पुत्र क्यों कहा जाता है?

पौराणिक कथा के अनुसार, केसरी राज के साथ विवाह करने के बाद कई वर्षों तक माता अंजना को पुत्र सुख की प्राप्ति नहीं हुई। वह मंतग मुनि के पास जाकर पुत्र प्राप्ति का मार्ग पूछने लगीं। ऋषि ने बताया की वृषभाचल पर्वत पर भगवान वेंकटेश्वर की पूजा-अर्चना करो। फिर गंगा तट पर स्नान करके वायु देव को प्रसन्न करो। तुम्हारी मनोकामना पूर्ण होगी। माता अंजना वायु देव को प्रसन्न करने में सफल रहीं। वायु देव ने उन्हें दर्शन देकर आशीष दिया कि उनका ही रूप उनके पुत्र के रूप में अवतरित होगा। इस तरह मां अंजना ने हनुमान जी के रूप में पुत्र को जन्म दिया। इसी कारण हनुमान को पवनपुत्र, केसरीनंदन आदि नामों से जाना जाता है।

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