खास बातें
Buddha Purnima 2024: गौतम बुद्ध, भगवान विष्णु का ही एक स्वरूप हैं। वैशाख मास की पूर्णिमा के दिन भगवान ने यह अवतार लिया था। आइए जानते हैं उनके पूजन की विधि क्या है और पूजन का शुभ मुहूर्त।क्यों मनाई जाती है बुद्ध पूर्णिमा?
बुद्ध पूर्णिमा, भगवान गौतम बुद्ध के जन्म का स्मरण दिवस है। उनका जन्म वैशाख पूर्णिमा को लुंबिनी हुआ था। बुद्ध पूर्णिमा भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति की स्मृति में भी मनाई जाती है। 35 वर्ष की आयु में, बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे बैठकर उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था। बुद्ध पूर्णिमा भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण का भी दिवस है। 80 वर्ष की आयु में, कुशीनगर में उन्होंने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था।
बुद्ध पूर्णिमा का महत्व
बुद्ध पूर्णिमा का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक और नैतिक भी है। यह बौद्ध धर्म के लोगों के लिए सबसे पवित्र त्योहार है। इस दिन वे भगवान बुद्ध की शिक्षाओं का स्मरण करते हैं, उनकी पूजा करते हैं और ध्यान लगाते हैं। बुद्ध पूर्णिमा हमें करुणा, प्रेम, अहिंसा और सदाचार जैसे मूल्यों का पालन करने की प्रेरणा देती है। यह हमें सामाजिक बुराइयों जैसे जातिवाद, भेदभाव और हिंसा के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित करती है। बुद्ध पूर्णिमा हमें आत्म-साक्षात्कार और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग दिखाती है। यह हमें सिखाती है कि हम अपनी इच्छाओं और आसक्तियों पर विजय प्राप्त करके जीवन में सच्चा सुख और शांति प्राप्त कर सकते हैं।
बुद्ध पूर्णिमा 2024 का शुभ मुहूर्त
वैशाख मास की पूर्णिमा 22 मई 2024, शाम 6:47 बजे से प्रारंभ होगी और समापन 23 मई 2024, शाम 7:22 बजे होगा। इसलिए बुद्ध पूर्णिमा को 23 मई को ही मनाया जाएगा। वहीं स्नान और दान का शुभ समय 23 मई को सुबह 4:04 बजे से सुबह 5:26 बजे तक है। साथ ही भगवान विष्णु स्वरूप गौतम बुद्ध की पूजा का शुभ समय सुबह 10:35 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक है।
गौतम बुद्ध के पूजन की विधि
- बुद्ध पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। फिर घर में स्थापित बुद्ध मूर्ति को जल, दूध, फूल, फल, और धूप-दीप से पूजा करें।
- बुद्ध पूर्णिमा के दिन ध्यान करना बहुत शुभ माना जाता है। शांत जगह पर बैठकर कुछ समय के लिए ध्यान लगाएं और भगवान बुद्ध की शिक्षाओं पर मनन करें।
- बुद्ध पूर्णिमा के दिन दान पुण्य करना भी बहुत फलदायी माना जाता है। आप गरीबों, या जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, या धन दान कर सकते हैं।
- बुद्ध पूर्णिमा के दिन आप बौद्ध मंदिरों में जाकर भगवान बुद्ध के दर्शन कर सकते हैं, साथ ही वहां जाकर अपनी सेवाएं दे सकते हैं।
बुद्ध पूर्णिमा केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह ज्ञान, करुणा और निर्वाण का संदेश है। यह हमें सिखाती है कि हम अपने जीवन में सच्चा सुख और शांति प्राप्त कर सकते हैं यदि हम भगवान बुद्ध की शिक्षाओं का पालन करते हैं।
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