अक्षय तृतीया के दिन मां विंध्यवासिनी की श्रृंगार आरती कराने का अत्यंत महत्व है । मां विंध्यवासिनी देवी का मंदिर उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में विंध्याचल नामक तीर्थ में स्थित है । ऐसा कहा जाता है कि यह मां जगदम्बा का निवास स्थान है, इसलिए यह एक जाग्रत शक्तिपीठ है जो कि मां दुर्गा के 51 शक्तिपीठों में से एक है । विंध्यवासिनी मंदिर को लेकर ढेरों मान्यताएं व्याप्त हैं । धर्मराज युधिष्ठिर ने मां विंध्यवासिनी की आराधना की थी, इसके अलावा कंस के वध की भविष्यवाणी करने की भी कथा काफी प्रचलित है ।
आज भी प्रतिदिन मां विंध्यवासिनी की दिन में चार बार आरती होती है । भोर में होने वाली आरती को मंगला आरती, दोपहर में मध्यमान आरती, सायं काल में होने वाली आरती को छोटी आरती व रात्रि में होने वाली आरती को बड़ी आरती कहा जाता है । अक्षय तृतीया के दिन मां विंध्यवासिनी की आरती का हिस्सा बनने के लिए व श्रृंगार दान के लिए हर वर्ष भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है । हालांकि इस वर्ष लॉकडाउन के कारण मंदिर भक्तों के लिए बंद है लेकिन पुजारियों के द्वारा मां विंध्यवासिनी की आरती सम्पन्न कराई जाती है ।
अगर आप भी अक्षय तृतीया के दिन मां विंध्सविनी की सामूहिक आरती का हिस्सा बनना चाहते हैं तो myjyotish.com आपके लिए ला रहा है एक खास मौका । जिसमें आप घर से ही मां विध्यवासिनी की आरती का हिस्सा बन सकते हैं साथ ही श्रृंगार दान का शुभ फल भी प्राप्त कर सकते हैं । यह पूजा मंदिर के पुजारी द्वारा आपके नाम से पूरे विधि-विधान से कराई जाएगी । आरती शुरू होने से पहले पंडित जी द्वारा फोन पर आपका संकल्प कराया जाएगा तथा बाद में आपको प्रसाद भी भेजा जाएगा ।
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