दुर्लभ संयोगों में मनाई जा रही है विनायक चतुर्थी, जानें पूजा विधि
हिंदू पंचांग में हर माह को दो पक्षों में बांटा गया है। जिसमें पूर्णिमा से अमावस्या तक के 15 दिनों को कृष्णपक्ष कहते हैं और अमावस्या से पूर्णिमा तक के 15 दिनों को शुक्लपक्ष कहते हैं। शुक्ल पक्ष के दौरान पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी कहते हैं और कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। चतुर्थी तिथि और बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। इस बार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी आज 4 मई को बुधवार के दिन मनाई जा रही है। विनायक चतुर्थी बुधवार को सुबह 7:32 मिनट से आरंभ होकर 5 मई गुरुवार के दिन तक रहेंगी। आज विनायक चतुर्थी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ साथ रवि योग भी बन रहा है ऐसे में इस बार की विनायक चतुर्थी का महत्त्व और बढ़ जाता है।
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अब जानते है कि आज भगवान श्री गणेश की पूजा कैसे करें
आज के दिन भगवान गणेश की प्रतिमा पर शुद्ध जल अर्पित करें। इसके बाद पंचामृत से स्नान कराएं और फिर पुनः शुद्ध जल अर्पित करें। इसके बाद भगवान श्रीगणेश को दूर्वा, फूल, जनेऊ, अक्षत आदि अर्पित करें। संभव हो तो भगवान श्रीगणेश को हरे वस्त्र अर्पित करना शुभ रहता है। उसके बाद भगवान गणेश की प्रतिमा के सम्मुख धूप दीप जलाये और भगवान को मिठाई का भोग लगाकर उसके बाद आरती करें। आरती के बाद भगवान को भोग में चढ़ाई मिठाई को प्रसाद के रूप में सभी में बांट दें।
आज के दिन भगवान श्री गणेश के 11 मंत्रों का जाप करना शुभ फलदायी होता है। आइए जानते हैं क्या है वह 11 मंत्र
ॐ गं गणपतेय नमः
ॐ गणाधिपाय नमः
ॐ उमापुत्राय नमः
ॐ विघ्ननाशनाय नमः
ॐ विनायकाय नमः
ॐ ईशपुत्राय नमः
ॐ सर्वसिद्धिप्रदाय नमः
ॐ एकदंताय नमः
ॐ इभवक्ताय नमः
ॐ मूषकवाहनाय नमः
ॐ कुमारगुरवे नमः
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विनायकी चतुर्थी के दिन किसी गणेश मंदिर में दर्शन करें और वहाँ की साफ सफाई करें। यदि मंदिर में प्रतिमा सिंदूर की है तो भगवान श्री गणेश को चोला अर्पित करें और मंदिर के बाहर बैठने वाले भिखारियों को भोजन आदि का दान करें। कहते हैं कि विनायक चतुर्थी के दिन यह कार्य करने से शुभ फल मिलते हैं।
यदि आप अपने परिवार में सुख समृद्धि चाहते हैं तो आज का दिन सबसे उत्तम है। आज विनायकी चतुर्थी की शाम को भगवान श्री गणेश की विधि विधान से पूजा करें और उसके बाद जहाँ आपने पूजा करी है उसी स्थान पर बैठकर 11 माला ॐ गणेशाय नमः मंत्र की जपे और जब आप की मालाएँ पूरी हो जाये तो उसके बाद 11 शुद्ध घी के दीपकों से भगवान श्री गणेश की आरती करें। इससे आपके परिवार में सुख समृद्धि बनी रहेंगी।
आज विनायकी चतुर्थी बहुत ही शुभ योग में मनाई जा रही है आज भगवान श्रीगणेश को समर्पित तिथि और दिन दोनों ही है। इसी के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का बनना बहुत ही उत्तम संयोग है। इसीलिए आज के दिन मंदिर में केसरिया ध्वज लगवाएं। इससे आपको मान सम्मान की प्राप्ति होगी।
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