खास बातें
Vijaya Ekadashi Vrat जानें श्री राम जी ने क्यों रखा था विजया एकादशी का व्रतVijaya Ekadashi 2024 Vrat Tithi : फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है विजया एकादशी का व्रत. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन किया गया पूजन एवं व्रत
विज्ञापन
विज्ञापन
Vijaya Ekadashi Vrat जानें श्री राम जी ने क्यों रखा था विजया एकादशी का व्रत
Vijaya Ekadashi 2024 Vrat Tithi : फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है विजया एकादशी का व्रत. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन किया गया पूजन एवं व्रत कार्यों में विजय प्राप्ति का सुख दिलाता है.
Vijaya Ekadashi worship विजया एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ साथ भगवान श्री राम का पूजन भी विशेष रुप से किया जाता है. इस दिन पूजा और व्रत करने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है.
सौभाग्य, समृद्धि और खुशहाली पाने के लिए विजया एकादशी व्रत रखा जाता है. इस व्रत के प्रभाव से भगवान श्री राम ने पाया था विजय का आशीर्वाद. पौराणिक कथाओं के अनुसर इस व्रत को भगवान राम ने भी किया था. पौराणिक कथाओं के अनुसार जब रावण ने देवी सीता का हरण कर लिया तो उस स्थिति में भगवान राम ने उनकी बहुत खोज की थी. राम जी अपने मित्रों हनुमान और सुग्रीव की मदद से लंका का पता लगाया और वहां आक्रमण करने की तथा इस युद्ध में विजय की प्राप्ति के लिए उन्होंने एकादशी का व्रत भी किया जिससे उन्हें विजया सुख मिला. राम और सीतान का मिलन संभव हो पाया था.
महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक और 21 माला महामृत्युंजय जाप, दूर होंगे सभी कष्ट व् मिलेगी हर कार्य में सफलता : 08 मार्च 2024
विजया एकादशी व्रत कथा से दूर हो जाते हैं सभी कष्ट
विजया एकादशी की कथा बेहद ही सुख फल प्रदान करने वाली कथा है. कथाओं के अनुसार पता चलता है कि लंका पर आक्रमण करने से पहले भगवान ने इस शुभ एकादशी का व्रत किया था. श्रीराम ने भी विजया एकादशी का व्रत किया और इस व्रत के प्रभाव से उन्हें देवि सीता की प्राप्ति हो पाती है. इस शुभ व्रत के प्रभाव से उन्हें विजय का आशीर्वाद मिलता है. रावण की पराजय होती है. शास्त्रों के अनुसार विजया एकादशी व्रत के दिन पूजा करने एवं इसकी कथा सुनने से वाजपेय यज्ञ के समान फल मिलता है. आइये जान लेते हैं इस एकादशी की व्रत कथा विस्तार पूर्वक : -इस महाशिवरात्रि पर काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग में सुख-समृद्धि और संपन्नता के लिए कराएं रुद्राभिषेक 08 मार्च 2024
विजया एकादशी कथा एवं विजय प्राप्ति का योग
पौराणिक कथा के अनुसार जब रावण ने माता सीता का हरण कर लिया तो श्रीराम जी ने हनुमान जी के सहयोग एवं सुग्रीव की मदद से लंका को खोज निकाला. उन्होंने इस स्थान पर आक्रमण करने की योजना बनाई. श्री राम जी अपनी सेना सहित लंका की ओर प्रस्थान किया. सामने समुद्र तट पर पहुँचने पर श्री रामजी ने विशाल समुद्र देखा और लक्ष्मणजी से पूछा कि यह समुद्र कैसे पार किया जाए.भगवान श्री राम की बात सुनकर लक्ष्मण उनसे कहते हैं कि वकदाल्भ्य नामक मुनि ही हमारी सहायता कर सकते हैं. उनके पास इस स्थिति से बचाव का समाधान अवश्य होगा, तब राम जी वकदाल्भ्य ऋषि के पास जाते हैं और उनसे सहायता की मांग करते हैं. भगवान राम की इस समस्या को दूर करने के लिए मुनि श्री ने उन्हें फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की विजया एकादशी का व्रत करने को कहा.
तब उन ऋषि ने बताया कि इस व्रत के लिए दशमी के दिन उन्हें एक कलश बनाकर उसे उस कलश को जल से भर दिया जाए. तहा उस कलश पर पंच पल्लव रख दिए जाएं. वेदी पर स्थापित कि जाए. कलश के नीचे सात प्रकार के अनाज रख दिजे जाएं. एवं उस पर विष्णु की स्वर्ण प्रतिमा स्थापित की जाए. एकादशी तिथि के दिन सूर्योदय समय स्नान इत्यादि के पश्चात भगवान श्रीहरि की पूजा करनी चाहिए. पूरा दिन कलश के सामने भक्तिपूर्वक व्यतीत करें और रात्रि में भी इसी प्रकार बैठकर जागरण करना चाहिए.
महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर अपार धन ,वैभव एवं संपदा प्राप्ति हेतु ओंकारेश्वर में कराएं रूद्राभिषेक : 08 मार्च 2024
द्वादशी के दिन किसी नदी या तालाब के किनारे स्नान करने के बाद उस कलश को किसी ब्राह्मण को दे दें. तो इस व्रत के प्रभाव से वह इस समुद्र को पार करने तथा विजय पाने में सफल रहेंगे. इस प्रकार इस व्रत को करने भगवान श्री राम ने लंक पर विजय को प्राप्त किया.