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- लक्ष्मीजी के किसी भी मंत्र का जाप बुधवार या शुक्रवार से शुरू करें तथा नित्य कमल गट्टे की एक माला जाप करें।
- विष्णु सहस्रनाम तथा श्रीसूक्त का एक-एक पाठ नियमित करें तथा श्री लक्ष्मीजी को गुलाब या कमल पुष्प चढ़ाएं।
- अपने वरिष्ठ व्यक्तियों का सम्मान करें। घर-परिवार में सबसे प्रेम-व्यवहार करें।
- प्रात: जल्दी उठकर घर की सफाई करें तथा स्नानादि कर अपना पूजन- जप इत्यादि कर दिन की शुरुआत करें। जहां सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय सोते हैं, वहां धन नहीं आता है। दुर्गंधयुक्त स्थान तथा अशुद्ध स्थान पर लक्ष्मी नहीं ठहरती।
- गाय -कुत्ता, भिखारी को यथासंभव खाना इत्यादि दें या न दे सकें तो उन्हें दुत्कारें नहीं।
- घर में कूड़ा-करकट, जाला इत्यादि जमा न होने दें। समय-समय पर सफाई करें।
- संध्या के पश्चात झाड़ू-बुहारी न करें। यदि करें तो कचरा घर के बाहर न फेंकें।
- झाडू संभालकर रखें तथा खड़ी न रखें। ऐसी रखें कि किसी की नजर उस पर न पड़े। झाड़ू को कभी लांघें नहीं, न ही पैर की ठोकर लगे।
- कपड़े स्वच्छ व धुले हुए हों। इत्र-सेंट का प्रयोग अवश्य करें।
- पूजन यदि नित्य करते हैं तो समय व स्थान निश्चित रखें।
- ईशान दिशा में गंदगी न होने दें, हो सके तो देव स्थान जरूर बनाये.!
- दक्षिण- नैऋत्य, पश्चिम में कोई गड्ढा, बोरिंग, हौज इत्यादि न हो तथा जहां भी वास्तुदोष हो, वहां एक स्वस्तिक बना दें। हमेशा बाथरूम में नल इत्यादि से पानी न टपके, ध्यान रखें..!!
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