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हमारे मानव शरीर के जितना जरुरी भोजन हैं, उनता ही जरुरी नींद है। विज्ञान के अनुसार भी हमारे शरीर के जो कोशिका तंतु में काम कराने के दौरान जो भी समस्या होती है चैन की नींद सोने से वो भी ठीक हो जाते हैं, वैसे भी कहा जाता है कि अगर व्यक्ति 8 घंटे की चैन की भरपूर नींद लें, तो उसके शरीर और दिमाग दोनों की थकान दूर हो जाती है और व्यक्ति तरोताजा महसूस करता है, साथ ही उसके शरीर में शक्ति रीसेट हो जाती है। लेकिन आजकल की लाइफस्टाइल ने और वर्क फ्रॉम होम कि वजह से लोगों की नींद को भी खराब हो रही है, न तो सोने का कोई समय है और नहीं उठने का कोई नियम। इसकी वजह से सोते समय भी उनके दिमाग में बहुत विचार घूमते हैं और व्यक्ति पूरी तरह शांत दिमाग के साथ नहीं सो पाता है। इससे व्यक्ति को सारे दिन भर थकान, चिड़चिड़ापन तो लगता ही है और आलस्य में नींद जैसा अनुभव होता है। वास्तु शास्त्र में भी बताया गया है कि ठीक से नींद न ले पाने की पीछे कई बार उसकी दिशा या कुछ अन्य आदतें भी जिम्मेदार होती है। इसलिए यदि आप वास्तु शास्त्र में बताएं गए नियमों के मानेंगे तो आप चैन की नींद तो ले सकेंगे साथ ही आप की शारीरिक-मानसिक सेहत तो अच्छी होगी साथ ही आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो सकती है।
जानिए वास्तु शास्त्र के अनुसार सोने के नियम:
1. वास्तु के अनुसार सोने की सबसे बेहतर दिशा पूर्व मानी गई है, मान्यता है कि पूर्व दिशा में सिर करके सोने से व्यक्ति के दिमाग पर सकारात्मक असर पड़ता है। उससे व्यक्ति की कार्य शैली बढ़ती है और एकाग्रता बढ़ती है।इसके अलावा पश्चिम दिशा की तरफ भी आप अपना सिर कर के से सकते हैं। इससे यश-कीर्ति मिलती है।
2. ये भी जान लीजिए कि व्यक्ति दक्षिण दिशा में भी सिर करके सो सकता है। लेकिन वास्तु के अनुसार कभी भी उत्तर दिशा में सिर करके नहीं सोना चाहिए।उत्तर दिशा में सिर करके सोने से नकारात्मक विचार आने लगते हैं, और कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं।वहीं दक्षिण दिशा में सिर करके सोने से सुख-समृद्धि मिलती है।
3. कभी भी जूठे मुंह नहीं सोना चाहिए। आपको सोने से पहले हमेशा अपने हाथ मुंह और पैरों को ध्यान से धो लेना चहिए और कुल्ला कर के सोना चाहिए।अगर आप ऐसा करते हैं तो आप खुद महसूस करेंगे कि आपको बहुत अच्छी नींद आएगी।
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4. इसके अलावा गंदे बिस्तर या टूटे बिस्तर का प्रयोग वास्तु के अनुसार अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति को बीमारियां घेर लेती हैं। इसके अलावा कभी भी निर्वस्त्र होकर नहीं सोना चाहिए।
5. कमरे में बिल्कुल अंधेरा करके कभी नहीं सोना चाहिए। सोते समय हल्का सा प्रकाश जरूर रखें, खाली घर जिनमें कोई न रहता हो या फिर श्मसान के आस पास और मंदिर के गर्भगृह में कभी नहीं सोना चाहिए। हालांकि इसके पीछे व्यवहारिक कारण ये बताया जाता है कि खाली घर, श्मशान या मंदिर के गर्भगृह रात के समय एक दम सुनसान हो जाते हैं, ऐसे में रात में सोते समय व्यक्ति डर सकता है और घबराहट के कारण भी उसकी तबियत खराब हो सकती है।
6. नींद पूरी न होने से ये परेशानियां होती हैं:
पर्याप्त नींद न लेने से व्यक्ति को तनाव और मानसिक जैसी समस्या होने लगती है, क्योंकि उसके शरीर और दिमाग को दोनों को ही पूरी तरह से आराम नहीं मिल पाता। इसकी वजह से शरीर की मांसपेशियों में दर्द, अकड़न और थकावट की समस्याएं हो जाती है।इतना ही नहीं व्यक्ति का पाचन तंत्र भी बिगड़ने लगता है, और पेट साफ न होना मतलब तमाम बीमारियां घेर लेना। इसलिए विज्ञान भी ये ही सलाह देता है कि एक स्वस्थ व्यक्ति को 6 से 8 घंटे भरपूर नींद लेनी चाहिए जो कि बहुत जरूरी भी है।
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