सनातन धर्म की मान्यातों के अनुसार वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बड़ा महत्व होता है । ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इन चार दिशाों में से एक दिशा उत्तर भगवान कुबेर की दिशा मानी जाती है । इसलिए घर बनवाते समय हमेशा दिशा को प्राथमिकता दी जाती है । वास्तु शास्त्र भी ज़्योतिश शास्त्र का एक अभिन्न अंग है। वास्तु शास्त्र घर में सुख-समृधि बनाए रखने के लिए वस्तुओं को रखने या घर बनाने पर शुभ दिशा के अनुसार कमरे, रसोईघर, मुख्य द्वार इत्यादि को बनाने का तरीक़ा बताती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में रखी हर वस्तु का प्रभाव वहाँ रह रहे मनुष्यों पर पड़ता है। कोई चीज़ ग़लत दिशा या स्थान पर रखने से या फिर कोई ऐसी चीज़ जो घर या कार्यस्थल पर नहीं होनी चाहिए उसे रखने से वास्तु दोष उत्पन्न होता है। वास्तु दोष से मनुष्य के जीवन में तरह तरह की समस्याएँ उत्पन्न होती हैं जिस से मनुष्य के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ पर गहरा असर होता है।
ऐसा न करने पर हमारे सुख-चैन का आधार हमारा घर ही कहीं हमारी मुसीबतों और परेशानियों का कारण न बन जाए। घर बनवाते समय वास्तु की इन बातों का जरूर रखें ध्यान।
शनि की कुदृष्टि से बचने के लिए जानें उनके जीवन के अनजाने तथ्य, क्लिक करें