इसके पीछे की कहानी क्या आपने जाने की कोशिश की है? तो चलिए आज जानते हैं.
एक किताब "ऑरिया ऑफ जैकोबस डी वॉराजिन’" मे बताई गई है इस दिन को रोम के पादरी संत वैलेंटाइन के नाम पर मनाया जाता है इसमें यह भी बताया है कि संत वैलेंटाइन प्यार को बढ़ावा देते थे लेकिन रोम के राजा प्यार के बिलकुल खिलाफ थे संत वैलेंटाइन की यह बात रोम के राजा पसंद नहीं करते थे क्योंकि वह प्रेम विवाह के पूरे खिलाफ थे रूम के राजा क्लाउडियस का यह भी मानना था कि प्यार और लगाव के कारण रूम के लोग सेना में भर्ती नहीं होते थे यही कारण था कि क्लाउडियस रोम में शादी और सगाई नहीं होने देते थे
संत वैलेंटाइन को क्लाउडियस की यह बात ना पसंद आई इसीलिए उन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठाई इतना ही नहीं संत वैलेंटाइन डे रोम के राजा के खिलाफ जा कर दो प्यार करने वालों की शादियां भी करवाई क्लाउडियस को जब यह बात पता चली तो उन्होंने संत वैलेंटाइन को 14 फरवरी को फांसी पर चढ़ा दिया तभी से 14 फरवरी को संत वैलेंटाइन की याद में वैलेंटाइन डे के नाम से सेलिब्रेट किया जाने लगा
पहले यह दिन पश्चिमी देशों में पारंपरिक रूप से मनाया जाता था लेकिन समय के बदलाव के साथ अब यह दिन हमारे देश भारत में भी प्रेम के दिन के रूप में देशवासियों द्वारा मनाया जाता है हर देश में इस दिन को एक अलग नाम से मनाया जाता है जैसे कि चीन में यह दिन "नाइट्स ऑफ सेवंनस "के नाम से मनाया जाता है वहीं जापान और कोरिया में इस पर्व को" वाइट डे" के नाम से जाना जाता है इतना ही नहीं कई देशों में इस दिन से पूरे 1 महीने तक लोग अपने प्यार का इजहार करते हैं और एक दूसरे को तोहफे वह फूल देकर अपनी भावनाओं का इजहार करते हैं
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