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गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। शास्त्रों के अनुसार भगवान बृहस्पति साधु और संतों के देवता माने जाते हैं। गुरुवार का दिन भगवान बृहस्पति की पूजा के लिए शुभ माना जाता है। भगवान बृहस्पति को पीला रंग बहुत ही प्रिय होता है। भगवान बृहस्पति तपस्वी ऋषि थे। इन्हें 'तीक्ष्णशृंग' भी कहा गया है। धनुष बाण और सोने का परशु इनके हथियार थे और ताम्र रंग के घोड़े इनके रथ में जोते जाते थे। बृहस्पतिवार के व्रत की काफी मान्यता है। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि गुरुवार के व्रत करने से विवाह में आ रही अड़चन दूर हो जाती हैं और घर में सुख समृद्धि भी बनी रहती है।
- प्रातः काल सुबह उठकर स्नान करें और फिर पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
- चने की दाल और गुड़ को मिलाकर प्रसाद बनाएं और उसे भगवान बृहस्पति को भोग लगाएं।
- भगवान बृहस्पति की पूजा पूरे विधि विधान से करनी चाहिए । ऐसा करने से व्यक्ति को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त होता है।
- पीले फूल, चने की दाल, पीली मिठाई, पीले चावल आदि का प्रयोग बहुत ही शुभ माना जाता है।
- केले के पेड़ का पूजन करने से अधिकतम लाभ प्राप्त होता है और विष्णु भगवान बहुत ही प्रसन्न होते हैं अपनी कृपा बरसाते हैं।
- गुरुवार को बृहस्पति भगवान की कथा जरूर पढ़े।
- गुरुवार के दिन कपड़े कभी भी नहीं धोने चाहिए।
- गुरुवार के दिन किसी को पैसे उधार नहीं देना चाहिए ।
- गुरुवार को पीला भोजन ही करना चाहिए।
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