अधिक मास की पूर्णिमा
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हर माह आने वाली पूर्णिमा का समय बहुत ही शुभ माना जाता है. पूर्णिमा के दिन पर कई तरह के धार्मिक एवं शुभ कार्यों को करने का विधान भी शास्त्रों में बताया गया है. इस बार अधिक मास की पूर्णिमा का संयोग बन रहा है. शास्त्रों में अधिकमास की पूर्णिमा का विशेष महत्व माना गया है.
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अधिकमास की पूर्णिमा जब आती है तो उस दिन किए जाने वाले कार्यों की शुभता कई गुना बढ़ जाती है. इस वर्ष 1 अगस्त 2023 के दिन अधिकमास की पूर्णिमा मनाई जाएगी. इस दिन कुछ विशेष शुभ योग बनने से यह तिथि बहुत ही सकारात्मक मानी जा रही है. इस समय पर ग्रहों की शुभता भी भक्तों को प्राप्त होनी है. लक्ष्मीनारायण की पूजा के लिए यह समय सर्वोत्तम रहने वाला है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
श्रावण अधिक पूर्णिमा मुहूर्त समय
श्रावण अधिक पूर्णिमा 1 अगस्त को सुबह 3.51 बजे शुरू होगी और 2 अगस्त की रात 12 बजे समाप्त होगी. ऎसे में स्नान दान का शुभ समय 1 अगस्त को सुबह 4 बजकर 18 मिनट से 5 बजे तक व्याप्त रहने वाला है. उसी के अनुरूप सत्यनारायण कथा एवं व्रत पूजा-अर्चना की जाएगी. सावन में अधिकमास 18 जुलाई से शुरू हो गया है. जो 16 अगस्त को समाप्त होगा.
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वैसे तो हर माह की पूर्णिमा तिथि विशेष होती है, लेकिन अधिकमास की पूर्णिमा तिथि को शास्त्रों में विशेष महत्व दिया गया है. शास्त्रों में अधिकमास की पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. इसके अलावा पूर्णिमा तिथि पर स्नान और दान करने से भी विशेष पुण्य मिलता है. आइए आपको बताते हैं श्रावण अधिक पूर्णिमा तिथि का शुभ मुहूर्त और विशेष उपाय.
पूर्णिमा पर बन रहे हैं शुभ योग
श्रावण अधिकमास की पूर्णिमा पर 3 विशेष शुभ योग बन रहे हैं. इस दिन आयुष्मान योग सुबह 6 बजकर 53 मिनट पर शुरू होगा और 2 अगस्त को दोपहर 2 बजकर 34 मिनट पर खत्म होगा. वहीं, प्रीति योग प्राप्त होगा.
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इसके अलावा 1 अगस्त को लक्ष्मी नारायण योग भी बन रहा है. जो बहुत ही शुभ माना जाता है. इस दिन भगवान लक्ष्मी नारायण की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है. इस समय पर किया जाने वाला पूजन व्यक्ति को आर्थिक रुप से संपन्नता का सुख प्रदान करता है. धन प्राप्ति के रास्ते खुल रहे हैं. आपके घर में धन की वर्षा होती है.