खास बातें
Swastik Sign Importance: हमारी सनातन संस्कृति में स्वास्तिक को बहुत ही पवित्र एवं अत्यंत शुभ माना जाता है। यह सिर्फ एक साधारण चिन्ह नहीं है, बल्कि जीवन, समृद्धि, सौभाग्य और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। स्वास्तिक का उपयोग यज्ञ, पूजा और मंत्रों के जप में किया जाता है
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Swastik Sign Importance: नया वाहन, नया घर, कार्यलय, नई वस्तु और नए कार्यों की शुरुआत के लिए स्वास्तिक के चिन्ह को अंकित किया जाता है। हमारी सनातन संस्कृति में स्वास्तिक को बहुत ही पवित्र एवं अत्यंत शुभ माना जाता है। स्वास्तिक, चार रेखाओं से बना एक प्राचीन प्रतीक है। यह सिर्फ एक साधारण चिन्ह नहीं है, बल्कि जीवन, समृद्धि, सौभाग्य और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। सनातन संस्कृति में हर एक शुभ कार्य में स्वास्तिक चिन्ह बनाया जाता है। मान्यता के अनुसार घर के मुख्य द्वार की दीवार पर स्वास्तिक चिन्ह बनाना अत्यंत शुभ माना जाता है। स्वास्तिक को दक्षिणावर्ती स्वास्तिक कहा जाता है, जो कि सकारात्मकता का प्रतीक है। स्वास्तिक चिन्ह को सदैव ही उत्तर या ईशान दिशा में ही बनाना चाहिए।
हिन्दू धर्म में स्वास्तिक का महत्व
- हिन्दू धर्म में, स्वास्तिक को भगवान गणेश, सूर्य देव, विष्णु और लक्ष्मी देवी से जोड़ा जाता है।
- भगवान गणेश: स्वास्तिक को भगवान गणेश के मस्तक पर भी देखा जा सकता है, जो बुद्धि और विद्या के देवता हैं।
- सूर्य देव: सूर्य देव को स्वास्तिक से जोड़ा गया है। स्वास्तिक की चार भुजाएं सूर्य देव की चार दिशाओं की उपमा को दर्शाती है।
- माता लक्ष्मी: देवी लक्ष्मी, धन और समृद्धि की देवी, अक्सर स्वास्तिक के साथ चित्रित की जाती हैं।
- धार्मिक अनुष्ठान: स्वास्तिक का उपयोग यज्ञ, पूजा और मंत्रों के जप में किया जाता है।
- मंदिर: मंदिरों के प्रवेश द्वार, गर्भगृह और दीवारों पर स्वास्तिक के चिन्ह अंकित होते हैं।
- घर: घरों के मुख्य द्वार, दरवाजों और खिड़कियों पर स्वास्तिक बनाया जाता है, जो कि सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।
- नई वस्तुएं: स्वास्तिक का उपयोग नए वाहन, नया घर, नये व्यवसाय समेत नई कार्यों के लिए किया जाता है।
वास्तु की दृष्टि से स्वास्तिक चिन्ह
आपने लोगों के घरों में स्वास्तिक का चिन्ह बना हुआ जरूर देखा होगा, वास्तु शास्त्र के अनुसार मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का चिन्ह लगाने से वास्तु दोष दूर होते हैं। इसके साथ ही अपने वाहन में भी स्वास्तिक का चिन्ह लगाने से दुर्घटना के आसार कम होते हैं। घरों में स्वास्तिक चिन्ह बनाने के लोगों को हल्दी का उपयोग करना चाहिए। स्वास्तिक सिर्फ एक प्रतीक नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और धर्म का प्रतीक है।