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Surya Saptami 2023: भानु सप्तमी पर स्नान और सूर्य पूजा से दूर होते हैं कष्ट

my jyotish expert Updated 08 Jul 2023 01:40 PM IST
Surya Saptami 2023: भानु सप्तमी पर स्नान और सूर्य पूजा से दूर होते हैं कष्ट
Surya Saptami 2023: भानु सप्तमी पर स्नान और सूर्य पूजा से दूर होते हैं कष्ट - फोटो : google
सावन माह की सप्तमी तिथि का समय सूर्य पूजन के लिए विशेष होता है. इस सप्तमी को अनेक नामों से जाना जाता है. इसमें इसे भानु या सूर्य सप्तमी कहते हैं. पद्म पुराण के अनुसार, इस दिन पहली बार भगवान सूर्य की किरणें पृथ्वी पर पड़ी थीं और सूर्य का प्रकाश जीवन का आधार बना था.

मान्यताओं के अनुसार सप्तमी पर स्नान और सूर्य पूजा से धुल जाते हैं सभी प्रकार के पाप. सप्तमी को भगवान सूर्य के जन्मदिन के रूप में भी जाना जाता है इस कारण से इस दिन भगवान सूर्य का पूजन विशेष होता है. 

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हर साल यह दिन सप्तमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके सूर्य देव को अर्घ्य देने से पितृ संतुष्ट होते हैं तथा कष्टों से मुक्ति मिलती है. व्यक्ति गंभीर रोगों से मुक्त हो जाता है. सूर्य सप्तमी पर पवित्र नदियों में स्नान का भी विशेष महत्व रहा है. सप्तमी के दिन ही सूर्य देव अवतरित हुए थे, आइए जानते हैं रथ सप्तमी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि: - 

सूर्य सप्तमी 2023 मुहूर्त
सावन सप्तमी तिथि आरंभ- 08 जुलाई 2023,  21 बजकर 53 मिनट से
सावन सप्तमी तिथि समाप्त- 09 जुलाई 2023, 20 बजकर 00 मिनट तक
स्नान का समय प्रातः 05:29 - प्रातः 07:14 तक शुभदायक होगा.
शोभन योग और बुध का पुष्य नक्षत्र प्रवेश इस दिन की शुभता में वृद्धिदायक होंगे. 

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सूर्य सप्तमी पूजा विधि
सप्तमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए और सूर्योदय के समय भगवान सूर्य का ध्यान करते हुए स्नान करना चाहिए. स्नान करते समय ॐ मार्तण्डाय नमः मंत्र का जाप करना शुभ होता है. 
स्नान के बाद लाल वस्त्र धारण करने चाहिए, या केसरी रंगों का उपयोग करना चाहिए. 

तांबे के लोटे में गंगाजल में तिल, गुड़, लाल फूल डालकर ऊं आदित्याय नम: मंत्र का जाप करते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य देना चाहिए .
भगवान सूर्य की कुमकुम, लाल चंदन, लाल फूल से पूजा करें और फिर उन्हें खीर और गुड़ का भोग लगाना चाहिए. 
इस दिन सूर्य चालीसा का पाठ करना चाहिए. 

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सूर्य देव की आरती करने के पश्चात भोग को सभी लोगों को देना चाहिए. 
सूर्य देव की पूजा करने से धन, स्वास्थ्य और समृद्धि में वृद्धि होती है. सूर्य उपासना द्वारा व्यक्ति के रोग शांत होते हैं तथा शुभता का जीवन में प्रभाव सदैव बना रहता है. सूर्य ग्रह की प्रबलता से जीवन समृद्धि और यश को पाता है. 

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