खास बातें
17 June Ganga Dussehra: जिस दिन गंगा माता ने धरती में अवतार लिया था, वह तिथि तो शुभ होगी हीऔर संयोग की बात यह है, कि इस दिन कई योग बन रहे हैं। इन योगों में गंगा स्नान, दान पुण्य का विशेष महत्व है।17 June Ganga Dussehra: गंगा दशहरा, मां गंगा को समर्पित एक विशेष त्यौहार है और यह हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास की शुक्ल दशमी को मनाया जाता है। इस वर्ष गंगा दशहरा 17 जून 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन गंगा माता की पूजा करने से व्यक्ति को विशेष फल प्राप्त होता है। कहा जाता है कि गंगा दशहरा के दिन गंगा में स्नान करने से पापों का शमन होता है। इस वर्ष यह गंगा दशहरा का पर्व और भी विषेश होने वाला है, क्योंकि इस बार कई शुभ योग बन रहे हैं।
गंगा दशहरा का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन गंगा माता ने धरती पर अवतार लिया था। गंगा को माता यूं ही नहीं कहा जाता, पौराणिक मान्यता के अलावा इसका वैज्ञानिक प्रमाण भी है, क्योंकि गंगा का जल इतना पवित्र होता है कि वह कभी खराब नहीं होता है इसलिए गंगा को माता का दर्जा भी प्राप्त है।
गंगा दशहरा 2024 विशेष योग
इस वर्ष गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर कई विशेष योग बन रहे हैं, जिसमें अमृत योग और रवि योग का अद्भुत संगम भी शामिल है। इसी के साथ ही गंगा दशहरा के दिन हस्त नक्षत्र भी है, जो इस त्यौहार को और भी शुभ बना रहा है। आपको बता दें कि सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत योग प्रातः 5:45 मिनट में प्रारंभ होगा और दिन के 11:12 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा गंगा दशहरा के दिन रवि योग शाम 6 बजकर 24 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 17 जून को सुबह 5:26 मिनट तक रहेगा। वरीयान योग, गंगा दशहरा के पहले दिन यानी, 15 जून को रात 8:10 मिनट से शुरू होकर गंगा दशहरा के दिन रात 9:02 तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में दान पुण्य और गंगा स्नान का विशेष महत्व है।
गंगा दशहरा के दिन क्या करें?
गंगा दशहरा पूरे देश में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग गंगा नदी में स्नान करते हैं, दान-पुण्य करते हैं, और देवी-देवताओं की पूजा करते हैं।
गंगा स्नान: गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मन को शांति मिलती है।
दान-पुण्य: इस दिन दान-पुण्य करना भी बहुत ही शुभ माना जाता है। गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, और दान-दक्षिणा देकर पुण्य अर्जित किया जा सकता है।
पूजा-अर्चना: गंगा दशहरा के दिन गंगा माता की विशेष पूजा अर्चना की जाती है और इस दिन आपको गंगा माता की कृपा पाने के लिए विशेष पूजा अर्चना करनी चाहिए। इसके साथ ही गंगा मैय्या की आरती भी करनी चाहिए।
श्री गंगा मैय्या आरती
नमामि गंगे ! तव पाद पंकजम्,
सुरासुरैः वंदित दिव्य रूपम् ।
भक्तिम् मुक्तिं च ददासि नित्यं,
भावानुसारेण सदा नराणाम् ॥
हर हर गंगे, जय माँ गंगे,
हर हर गंगे, जय माँ गंगे ॥
ॐ जय गंगे माता,
श्री जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता,
मनवांछित फल पाता ॥
चंद्र सी जोत तुम्हारी,
जल निर्मल आता ।
शरण पडें जो तेरी,
सो नर तर जाता ॥
॥ ॐ जय गंगे माता..॥
पुत्र सगर के तारे,
सब जग को ज्ञाता ।
कृपा दृष्टि तुम्हारी,
त्रिभुवन सुख दाता ॥
॥ ॐ जय गंगे माता..॥
एक ही बार जो तेरी,
शारणागति आता ।
यम की त्रास मिटा कर,
परमगति पाता ॥
॥ ॐ जय गंगे माता..॥
आरती मात तुम्हारी,
जो जन नित्य गाता ।
दास वही सहज में,
मुक्त्ति को पाता ॥
॥ ॐ जय गंगे माता..॥
ॐ जय गंगे माता,
श्री जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता,
मनवांछित फल पाता ॥
ॐ जय गंगे माता,
श्री जय गंगे माता ।
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