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Home ›   Blogs Hindi ›   Shardiya Navratri: Worshiping Goddess Mahagauri on Navratri brings happiness of good fortune.

Shardiya Navratri: नवरात्रि पर देवी महागौरी का पूजन दिलाता है सौभाग्य का सुख

my jyotish expert Updated 23 Oct 2023 09:58 AM IST
Shardiya Navratri 2023
Shardiya Navratri 2023 - फोटो : my jyotish
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शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन माता गौरी का पूजन किया जाता है. भक्त मां गौरी का पूजन करके सुख एवं सौभाग्य पाते हैं जाएगा. नवरात्रि की इस शक्ति के रुप में देवी पूजन हर प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला होता है. धार्मिक कथाओं के अनुसार देवी ने यह रुप अपने भक्त की इच्छापूर्ति हेतु लिया था. यह दिन शक्ति और विजय को प्रदान करता है. देवी का पूजन करने से भक्तों को निर्भय होने का आशीर्वाद मिलता है. 

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देवी महागौरी पूजा  
धार्मिक कथाओं में देवी के इस रुप का वर्णन कई तरह से किया गया है. मान्यताओं के अनुसार देवी गौरी का पूजन करके ही गोपियों नें भगवान श्री कृष्ण को पाया. हिमालय की पुत्री के रुप में माता का अवतर्ण होता है.  जब देवी दुर्गा को अपनी पुत्री के रुप में पाने हेतु कठोर तप किया था तब माता ने प्रसन्न होकर पुन: जन्म लेने का वचन दिया. नवरात्रि के इस दिन की पूजा में मां दुर्गा की आठवी शक्ति के रुप में देवी गौरी की पूजा हर प्रकार से शुभता प्रदान करने वाली होती है. माता ने दैत्यों का संहार किया तथा भक्तों के कष्टों को दूर किया. इस दिन माता का पूजन कष्ट एवं रोग दोष से मुक्ति प्रदान करने वाला होता है. 
 
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मां गौरी पूजा विधि 
मां गौरी के पूजन हेतु प्रात:काल उठकर भक्त को पूजा की तैयारियां शुरु करनी होती हैं. माता के नाम स्मरण के साथ पूजा का आरंभ होता है. माता की पूजा में लाल और पीले रंगों का उपयोग किया जाता है. इस समय पर माता को कसर एवं चंदन भी अर्पित करते हैं. देवी गौरी को रोली, मौली, हल्दी, अक्षत, फूल इत्यादि पूजा की सामग्री अर्पित करते हुए मंत्र उच्चारण “ या देवी सर्वभुतेषू माँ गौरी रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥” एवं आरती द्वारा प्रसन्न करते हैं. माता को भोग स्वरुप मीठे पीले चावलों का भोग लगाना शुभ होता है. इसी के साथ माता को शहद का भोग भी अवश्य लगाया जाता है. 

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देवी गौरी को स्त्री ऊर्जा का प्रतिनिधित्व माना गया है तथा वह ब्रज मंडल की अधिष्ठात्री देवी  के रुप में भी पूजी जाती हैं. माता के इस रुप का पूजन करने से मानसिक विकार शांत होते हैं.  देवी गौरी का यह रुप देवी शक्ति के साथ पूजा जाता है. देवी का पूजन सौभाग्य प्रदान करता है.

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