सावन माह में शिव पूजा के साथ करें ये उपाय नहीं सताएगा शनि साढ़े साती और शनि ढैया का डर
सावन 2022 में शनि साढ़े साती और शनि ढैया उपाय, कहा जाता है कि भगवान शिव की पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. माना जाता है कि सावन में शिव की पूजा करने से सभी ग्रहों के साथ-साथ शनि भी बलवान होते हैं. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार माना जाता है कि भगवान शिव ने शनि देव को न्याय और कर्म का देवता बनाया था. पुराणों के अनुसार शनि देव भी भगवान शिव की पूजा करते हैं. इसीलिए कहा जाता है कि भोलेनाथ की पूजा करने से शनि देव की बुरी दृष्टि परेशान नहीं करती है.
शनि इस समय मकर राशि में वक्री होकर गोचर कर रहे हैं इस कारण से मिथुन और तुला राशि के जातकों के लिए शनि ढैया चल रहा है. वहीं धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों के लिए शनि की साढ़ेसाती चल रही है. इसके बाद जब शनि पुन: कुंभ में लौटेंगे तब मीन कर्क और वृश्चिक पर शनि का प्रभव जागृत होगा तो ऎसे में शनि पीड़ा से बचने के लिए अभी से उपाए करना उत्तम होगा.
सावन में शनि पीड़ा से छुटकारा पाने के लिए ये उपाय हैं -
यदि आप शनि की साढ़े साती या शनि ढैया से पीड़ित हैं तो सावन के महीने में शिवलिंग पर प्रतिदिन जल चढ़ाने से इससे मुक्ति मिलती है. मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान शंकर की विशेष कृपा प्राप्त होती है. जल चढ़ाने के बाद श्री रुद्राष्टकम स्तोत्र का पाठ भी करना चाहिए. मान्यता है कि इसका पाठ करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं.
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सावन में हर शनिवार शिवलिंग पर कच्चा चावल चढ़ाना चाहिए. कहा जाता है कि ऐसा करने से कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति मजबूत होती है. ऐसा माना जाता है कि सावन के महीने में शिव के तांबे के बर्तन में पानी और काले तिल डालकर शनि के प्रकोप से बचा जा सकता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सावन में भगवान शिव को पानी के अलावा शहद से स्नान करने से भी शनि के प्रकोप से मुक्ति मिलती है. यह उपाय विशेष रूप से शनिवार के दिन करना चाहिए. क्योंकि शनिवार को शनि का दिन माना जाता है.
सावन के प्रत्येक शनिवार को चीटियों को गुड़ अवश्य डालना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं. इसके अलावा पीपल के पेड़ पर जल भी चढ़ाना चाहिए. शनिवार के दिन सावन में काले तिल, काले वस्त्र, लोहे की वस्तुओं और काले छाते का दान करने से शनि के प्रकोप से बचा जा सकता है.
सावन के प्रत्येक शनिवार को शनि देव से संबंधित वस्तुओं का दान जरूरतमंदों को करना चाहिए. इन में काला वस्त्र, काले तिल, काला छाता, चप्पल-जूते, सरसों का तेल इत्यादि.
हर शनिवार को सावन में शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाएं, साथ ही उनके सामने तिल के तेल का दीपक जलाएं और रुद्राक्ष की माला से शनि देव के मंत्रों का जाप करें. साथ ही शनिवार के दिन भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र का जाप करने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिल सकती है. शनिवार के दिन एक पान में काले तिल, लोहे की कील, एक रुपये का सिक्का डालकर शनि देव को अर्पित करें.
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