सावन माह में भोलेनाथ को प्रसन्न करने हेतु काशी में कराएं रुद्राभिषेक - 04 जुलाई से 31 अगस्त 2023
सावन माह में पड़ने वाली पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है क्योंकि चंद्रमा की शुभता चरम पर होती है. इस दिन चंद्रमा पूर्ण कलाओं के साथ दिखाई देता है जिसके द्वारा चंद्रमा के शुभ फल प्रकृति को प्राप्त होते हैं. इसलिए इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से चंद्र दोषों से छुटकारा भी मिलता है.
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पूर्णिमा के दिन पर किए जाने वाले धार्मिक कार्यों का विशेष महत्व रहता है इसके अलावा इस शुभ दिन पर स्नान और दान करना लाभकारी माना जाता है. इस वर्ष की श्रावण पूर्णिमा बहुत खास है, क्योंकि इस वर्ष दो श्रावण पूर्णिमा हैं. दरअसल, इस साल एक माह अधिक पड़ने के कारण 8 सावन सोमवार, चार प्रदोष व्रत, 2 माह शिवरात्रि के साथ ही दो अमावस्या और पूर्णिमा पड़ रही हैं. ऐसे में जानिए श्रावण पूर्णिमा कब पड़ेगी. साथ ही शुभ मुहूर्त और महत्व.
सावन माह में भोलेनाथ को प्रसन्न करने हेतु काशी में कराएं रुद्राभिषेक - 04 जुलाई से 31 अगस्त 2023
अधिकमास श्रावण पूर्णिमा 2023 मुहूर्त
पंचांग के अनुसार पहली पूर्णिमा तिथि अधिकमास में होगी यह श्रावण अधिकमास पूर्णिमा 1 अगस्त को मनाई जाएगी. अधिक मास की पूर्णिमा तिथि 1 अगस्त, मंगलवार को सुबह 03:51 बजे से शुरू हो रही है, जो रात 12:01 बजे समाप्त होगी. ऐसे में अधिक मास की श्रावण पूर्णिमा 1 अगस्त को है. इस दिन प्रीति नामक शुभ योग होगा जिसका समय 1 अगस्त को शाम 06:52 मिनट तक
होगा इसके साथ ही आयुष्मान योग की प्राप्ति होगी जो शाम को 06.52 से 2 अगस्त दोपहर 2.33 बजे तक रहने वाली है. इसी के साथ इस दिन उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का संयोग भी प्राप्त होगा.
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श्रावण पूर्णिमा 2023 महत्व
हिंदू धर्म में श्रावण पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस दिन स्नान दान करना पुण्यकारी माना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष फल मिलता है. इस दिन भगवान को रक्षा सूत्र अर्पित करना चाहिए. इस वर्ष अधिक मास के कारण सावन की दो पूर्णिमा हैं. ऎसा होना इसकी शुभता को कई गुना बढ़ा रहा है.
सौभाग्य पूर्ण श्रावण माह के सावन पर समस्त इच्छाओं की पूर्ति हेतु त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंगं में कराए रूद्र अभिषेक - 31 जुलाई से 31 अगस्त 2023