सावन माह में भोलेनाथ को प्रसन्न करने हेतु काशी में कराएं रुद्राभिषेक - 04 जुलाई से 31 अगस्त 2023
सावन सोमवार प्रदोष पूजा महत्व
सावन सोमवार के दिन सुबह से लेकर रात्रि जागरण करते हुए भगवान शिव का पूजन होता है. लेकिन इसमें प्रदोष काल के दौरान शिव पूजा विशेष फल प्रदान करने वाली होती है. सावन सोमवार के दिन व्रतधारी हो या फिर कोई भी भक्त प्रदोष के समय शिव पूजा के समय जीवन को सुखमय बना सकता है. इस व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. श्रावण सोमवार के दिन प्रदोष काल में शिव पूजा अवश्य करनी चाहिए तभी पूजा का पूरा फल मिलता है. प्रदोष काल सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले शुरू होता है और 45 मिनट बाद तक मान्य रहता है. धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
श्रावण सोमवार का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन सोमवार का व्रत करने से भाग्य बदल जाता है और शिव की कृपा सदैव बनी रहती है. सावन सोमवार का व्रत वैवाहिक जीवन में खुशहाली और जीवन में सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है. इस महीने में की गई पूजा से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं और ग्रह-नक्षत्रों के स्वामी होने के कारण सभी दोष भी दूर हो जाते हैं. इसके अलावा ऐसा माना जाता है कि सावन के महीने में भगवान शिव पृथ्वी पर अपने ससुराल आए थे, जहां जलाभिषेक और अर्घ्य देकर उनका भव्य स्वागत किया गया था. इसलिए इस महीने भक्त भक्ति में लीन रहते हैं, ताकि शिव की कृपा प्राप्त की जा सके.
सारी इच्छाओं को पूरा करने के लिए इस सावन बाबा बैद्यनाथ में कराएं रुद्राभिषेक - 04 जुलाई से 31 अगस्त 2023
सावन सोमवार की तिथियां
इस बार सावन माह में आठ सोमवार का व्रत रखा जाएगा. पहला सोमवार व्रत 10 जुलाई, दूसरा सोमवार व्रत 17 जुलाई, तीसरा सोमवार व्रत 24 जुलाई, चौथा सोमवार व्रत 31 जुलाई, पांचवां सोमवार व्रत 7 अगस्त, छठा सोमवार व्रत 14 अगस्त, सातवां सोमवार व्रत 21 अगस्त और आठवां सोमवार व्रत 28 अगस्त को किया जाएगा.