myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Shravan Amavasya : Adhik Maas Amavasya is the day of liberation from Pitra Dosh

Shravan Amavasya : अधिक मास अमावस्या पितृ दोष से मुक्ति से निजात का दिन

my jyotish expert Updated 27 Jul 2023 01:18 PM IST
Shravan Amavasya : अधिक मास अमावस्या पितृ दोष से मुक्ति से निजात का दिन
Shravan Amavasya : अधिक मास अमावस्या पितृ दोष से मुक्ति से निजात का दिन - फोटो : google
विज्ञापन
विज्ञापन
हर साल श्रावण अमावस्या को हरियाली अमावस्या मनाई जाती है. इस दिन प्रकृति की पूजा होती है. हरियाली अमावस्या के अवसर पर दैव पेड़-पौधे जैसे पीपल, आंवला, नीम, बरगद, शमी आदि लगाए जाते हैं. इनकी सेवा करने से देव और पितर दोनों ही प्रसन्न होते हैं.  सावन में अधिकमास अमावस्या योग होने से इस दिन का महत्व की गुना बढ़ गया है. आज के दिन किया जाने वाला पूजन जीवन में शुभता लाने वाला होगा. अधिकमास की अमावस्या के दिन अधिक मास महात्म्य का पठन किया जाता है

अब हर समस्या का मिलेगा समाधान, बस एक क्लिक से करें प्रसिद्ध ज्योतिषियों से बात 

श्रावण अमावस्या 
श्रावण माह की अमावस्या अमावस्या का योग है. धर्म कर्म के कार्यों के लिए अधिकमास अमावस्या बेहद उपयोगी है, इस दिन पूजन द्वारा कुंडली के ग्रह दोष समाप्त हो सकते है. व्यक्ति यदि आज के दिन भक्ति भाव के साथ अपने पितरों का पूजन कररें, रात्रि समय चंद्र देव का पूजन करे तो उसके कष्ट दूर होते चले जाते हैं. अमावस्या का दिन शिव कृपा के लिए अति श्रेष्ठ होता है. अधिक मास की अमावस्या दिन पितरों का वास होता है. अधिक मास की अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने और शुद्ध गाय के घी का दीपक जलाने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. अधिक मास की अमावस्या के दिन अपने पितरों को याद करते हुए गाय को हरा चारा खिलाने से भी पितर प्रसन्न और तृप्त होते हैं. 

सावन शिवरात्रि पर 11 ब्राह्मणों द्वारा 11 विशेष वस्तुओं से कराएं महाकाल का सामूहिक महारुद्राभिषेक एवं रुद्री पाठ 2023

पितर दोष से मुक्ति  
सावन अमावस्या  पितृ दोष से मुक्ति का समय होगा. इस दिन किया जाने वाल श्राद्ध एवं तर्पण व्यक्ति को इस दोष से मुक्त कर देने वाला होता है. आज के दिन धार्मिक स्थलों पर जाकर भक्त जब श्राद्ध इत्यादि कार्यों को करते हैं तो उन्हें अपने पितरों का आशीष अवश्य प्राप्त होता है. आज के दिन गंगा स्नान करने के साथ तर्पण करना पितृ शांति पाने का समय होता है. 

सावन माह में भोलेनाथ को प्रसन्न करने हेतु काशी में कराएं रुद्राभिषेक - 04 जुलाई से 31 अगस्त 2023

सावन के अमावस्या पर रुद्राभिषेक के लिए शिववास  का समय होना बहुत आवश्यक माना गया है. शिववास के साथ रुद्राभिषेक का प्रभाव बहुत अधिक होता है. इसके प्रभाव द्वारा व्यक्ति के जीवन में उसके कार्यों का परिणाम शुभ रुप से प्राप्त होगा.  ऎसे में भक्त सुविधानुसार किसी भी शुभ समय में रुद्राभिषेक कर सकते हैं. रुद्राभिषेक द्वारा व्यक्ति अपने जीवन के संकटों से मुक्ति पाने में सफल होता है.

  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X