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Home ›   Blogs Hindi ›   Shravan Amavasya : Adhik Maas Amavasya is the day of liberation from Pitra Dosh

Shravan Amavasya : अधिक मास अमावस्या पितृ दोष से मुक्ति से निजात का दिन

my jyotish expert Updated 27 Jul 2023 01:18 PM IST
Shravan Amavasya : अधिक मास अमावस्या पितृ दोष से मुक्ति से निजात का दिन
Shravan Amavasya : अधिक मास अमावस्या पितृ दोष से मुक्ति से निजात का दिन - फोटो : google
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हर साल श्रावण अमावस्या को हरियाली अमावस्या मनाई जाती है. इस दिन प्रकृति की पूजा होती है. हरियाली अमावस्या के अवसर पर दैव पेड़-पौधे जैसे पीपल, आंवला, नीम, बरगद, शमी आदि लगाए जाते हैं. इनकी सेवा करने से देव और पितर दोनों ही प्रसन्न होते हैं.  सावन में अधिकमास अमावस्या योग होने से इस दिन का महत्व की गुना बढ़ गया है. आज के दिन किया जाने वाला पूजन जीवन में शुभता लाने वाला होगा. अधिकमास की अमावस्या के दिन अधिक मास महात्म्य का पठन किया जाता है

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श्रावण अमावस्या 
श्रावण माह की अमावस्या अमावस्या का योग है. धर्म कर्म के कार्यों के लिए अधिकमास अमावस्या बेहद उपयोगी है, इस दिन पूजन द्वारा कुंडली के ग्रह दोष समाप्त हो सकते है. व्यक्ति यदि आज के दिन भक्ति भाव के साथ अपने पितरों का पूजन कररें, रात्रि समय चंद्र देव का पूजन करे तो उसके कष्ट दूर होते चले जाते हैं. अमावस्या का दिन शिव कृपा के लिए अति श्रेष्ठ होता है. अधिक मास की अमावस्या दिन पितरों का वास होता है. अधिक मास की अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने और शुद्ध गाय के घी का दीपक जलाने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. अधिक मास की अमावस्या के दिन अपने पितरों को याद करते हुए गाय को हरा चारा खिलाने से भी पितर प्रसन्न और तृप्त होते हैं. 

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पितर दोष से मुक्ति  
सावन अमावस्या  पितृ दोष से मुक्ति का समय होगा. इस दिन किया जाने वाल श्राद्ध एवं तर्पण व्यक्ति को इस दोष से मुक्त कर देने वाला होता है. आज के दिन धार्मिक स्थलों पर जाकर भक्त जब श्राद्ध इत्यादि कार्यों को करते हैं तो उन्हें अपने पितरों का आशीष अवश्य प्राप्त होता है. आज के दिन गंगा स्नान करने के साथ तर्पण करना पितृ शांति पाने का समय होता है. 

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सावन के अमावस्या पर रुद्राभिषेक के लिए शिववास  का समय होना बहुत आवश्यक माना गया है. शिववास के साथ रुद्राभिषेक का प्रभाव बहुत अधिक होता है. इसके प्रभाव द्वारा व्यक्ति के जीवन में उसके कार्यों का परिणाम शुभ रुप से प्राप्त होगा.  ऎसे में भक्त सुविधानुसार किसी भी शुभ समय में रुद्राभिषेक कर सकते हैं. रुद्राभिषेक द्वारा व्यक्ति अपने जीवन के संकटों से मुक्ति पाने में सफल होता है.

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