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Sawan 2022: सावन मास में कब और किस पूजा से पूरी होगी मनोकामना, जानें महादेव की पूजा का महाउपाय

MyJyotish Expert Updated 16 Jul 2022 11:56 AM IST
सावन मास में कब और किस पूजा से पूरी होगी मनोकामना
सावन मास में कब और किस पूजा से पूरी होगी मनोकामना - फोटो : google
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सावन मास में कब और किस पूजा से पूरी होगी मनोकामना, जानें महादेव की पूजा का महाउपाय


सावन का महीना , भगवान शिव की भक्ति के लिए सबसे उत्तम माना जाता है .सावन के महीने में किस दिन, किस विधि से जप-तप और व्रत को करने से बरसेगी महादेव की कृपा और क्या है उनकी पूजा का महाउपाय, जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख, अवश्य होगा लाभ महादेव की साधना के लिए श्रावण मास को सबसे उत्तम माना गया है. यही कारण है कि भोले के भक्त पूरे साल इस पावन महीने के आने का इंतजार करते हैं.

शिव की कृपा बरसाने वाला सावन का महीना आज 14 जुलाई 2022 से प्रारंभ होकर 12 अगस्त तक चलेगा. इस एक महीने में भगवान शकंर का आशीर्वाद पाने के लिए उनके भक्त तमाम तरह से उनकी पूजा-पाठ, जप-तप और व्रत करेंगे. कोई उन्हें दूध तो कोई उन्हें सिर्फ गंगाजल चढ़ाकर प्रसन्न करने का प्रयास करेगा. सावन के महीने में कब, किस दिन और किस विधि से पूजा करने पर मिलेगा शिव पूजा का पूरा फल, आइए इसे विस्तार से जानते हैंl 

सावन में किस पूजा से प्रसन्न होंगे महादेव :

भगवान शिव के प्रिय सावन महीने में प्रतिदिन सूर्योदय से पहले उठने का प्रयास करें और प्रतिदिन नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान करें. सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में ही करने का प्रयास करें क्योंकि इस काल में पूजा करने पर देवों के देव महादेव शीघ्र ही प्रसन्न होकर मनचाहा आशीर्वाद देते हैं. श्रावण मास में शिव पूजा में गंगाजल के साथ महादेव को प्रिय लगने वाले शमी एवं बेल पत्र को जरूर चढ़ाएं.

इन दोनों ही पत्र को हमेशा डंठल तोड़कर उलटा करके चढ़ाना चाहिए . सावन के महीने में भगवान शिव को दूध, दही, शहद आदि अर्पित करने के बाद जल अवश्य चढ़ाएं. ध्यान रहे कि भगवान शिव को तांबे के लोटे से जल तो चढ़ाना चाहिए ,लेकिन भूलकर भी उससे दूध नहीं चढ़ाना चाहिए. अंत में सबसे खास बात यह कि भगवान शिव की सिर्फ आधी परिक्रमा करनी चाहिए और कभी भूलकर भी उनकी जलहरी नहीं लांघनी चाहिएl

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श्रावण मास में शिव संग करें इनकी भी पूजा :

जिस सावन के महीने में देवी सती ने अपने दूसरे जन्म में कठोर जप-तप और व्रत करके देवों के देव महादेव को प्राप्त किया, उसमें पड़ने वाले सावन सोमवार को व्रत करते समय शिव पूजा से जुड़े सभी नियमों का पालन अवश्य करें . सबसे जरूरी बात यह कि भगवान शिव की पूजा में गंगाजल का प्रयोग जरूर करें. मान्यता है कि भगवान शिव को सबसे ज्यादा प्रिय गंगाजल को अर्पित करने पर शिव साधक को अश्वमेघ यज्ञ के समान पुण्य फल मिलता है. श्रावण मास में महादेव के साथ माता पार्वती, गणपति, कार्तिकेय और नाग देवता की पूजा करना बिल्कुल भी न भूलें l

कब-कब रखा जाएगा सावन सोमवार का व्रत:

सप्ताह के सात दिनों में सोमवार का दिन भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने पर शिव की कृपा शीघ्र बरसती है. जब यह सोमवार भगवान शिव को सबसे प्रिय लगने वाले सावन के महीने में पड़ता है तो इस दिन की जाने वाली पूजा और व्रत का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है. आइए जानते हैं कि सावन के महीने में आखिर कब-कब रखा जाएगा सोमवार का व्रत :-

व्रत कुछ इस प्रकार हैं :

पहला श्रावण सोमवार व्रत –18 जुलाई 2022
दूसरा श्रावण सोमवार व्रत –25 जुलाई 2022
तीसरा श्रावण सोमवार व्रत –01 अगस्त 2022
चौथा श्रावण सोमवार व्रत –08 अगस्त 2022
पांचवां श्रावण सोमवार व्रत –12 अगस्त 2022)

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सावन में करें महादेव की पूजा का महाउपाय:

हिंदू धर्म में भगवान शिव को भोलेनाथ कहा गया है क्योंकि वे श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा करने पर शीघ्र ही प्रसन्न होकर अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं. आइए सावन के महीने में महादेव की पूजा से जुड़े सरल एवं प्रभावी उपाय के बारे में जाने –

सावन के महीने में धन की कामना से शिव पूजा करने वाले भक्तों को पूरे मास स्फटिक के शिवलिंग की सफेद चंदन से पूजा करनी चाहिए. शिव पूजा के इस उपाय को करने पर महादेव के साथ मां लक्ष्मी की कृपा भी बरसती है l

किसी भी कार्य विशेष में आ रही अड़चन को दूर करके उसमें मनचाही सफलता को पाने के लिए भोले नाथ के भक्त को पूरे सावन के महीने में पारद शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए l

जिन लोगों को विवाह के बाद लंबा समय बीत जाने के बाद भी संतान सुख नहीं मिल पाया है, उन्हें सावन के महीने में मक्खन का शिवलिंग बनाकर गंगाजल से अभिषेक करना चाहिएl

मान्यता है कि श्रद्धा और विश्वास के साथ शिव की पूजा से जुड़े इस उपाय को करने पर शीघ्र ही उन्हें संतान सुख प्राप्त होता है.यदि आपको अब तक अपने खुद के घर का सुख नहीं मिल पाया है या फिर आपकी पैतृक संपत्ति को पाने में बाधाएं आ रही हैं तो आपको सावन के महीने में शहद से शिवलिंग का विशेष पूजन करना चाहिएl
 

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