जानिए आने वाले सोमवार में, भगवान शिव को प्रसन्न करने की पूजा विधि l
माना जाता है कि सावन का महीना भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए और उनका अनमोल आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे उचित समय होता है . सनातन धर्म में हिंदू पंचांग के अनुसार सावन का महीना पांचवा माह होता है और मान्यता यह है कि यह माह भगवान शिव को सबसे प्रिय होता है. सावन के महीने में भगवान शिव का जलाभिषेक करने का विशेष महत्व है व सोमवार के व्रत रखने और महादेव शिव शंभू की विशेष पूजा-आराधना का महत्व होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी सावन के महीने में मां पार्वती ने कठोर तप करके भगवान शिव को अपने पति अथवा अपने अर्धांग के रूप में प्राप्त किया था. इसलिए सावन में विवाहित महिलाएं जहां एक तरफ अपने वैवाहिक जीवन को सुखमय और समृद्धि बनाने के लिए व्रत और पूजा-पाठ करती हैं,वहीं अविवाहित महिलाएं अच्छे वर की कामना के लिए सावन के सोमवार का व्रत रखते हुए भोले भंडारी की उपासना करती हैं।
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सावन में भगवान शिव को प्रसन्न कैसे करें : सावन का महीना भगवान शिव की उपासना करने का सबसे उत्तम महीना माना गया है मान्यता यह है कि सावन के महीने में भगवान शिव की उपासना करने से भोले भंडारी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और वैसे भी कहा जाता है कि सभी देवी - देवताओं में भगवान शिव की उपासना करना सबसे आसान होता है .कहा जाता है कि सच्ची श्रद्धा से भगवान शिव को चढ़ाया हुआ एक लोटा जल ही, उन्हें प्रसन्न करने के लिए काफी होता है. सावन के सबसे पवित्र महीने में महादेव को प्रसन्न करने के लिए तीन तरह के व्रत रखे जाते हैं l
सावन के सोमवार का व्रत:
सोमवार का दिन सदा से ही भगवान शिव को समर्पित होता है। ऐसे में सावन के पवित्र महीने में आने वाले सोमवार का महत्व काफी बढ़ जाता है। इसीलिए महादेव के भक्त, उन्हें प्रसन्न करने के लिए एवं उनकी विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए सावन के सोमवार का व्रत रखते हैं l
- 16 सोमवार का व्रत:
भगवान शिव के कुछ भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए 16 सोमवार के व्रत भी रखते हैं l सोलह सोमवार के व्रत का आरंभ सावन के महीने से किया जाए तो अति शुभ माना जाता है. माना जाता है कि कुमारी स्त्रियां भविष्य में मनभावन पति प्राप्त करने की चाहत में, यह व्रत करती हैं l
- प्रदोष व्रत:
भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद पाने के लिए सावन के महीने में पड़ने वाले प्रदोष व्रत काफी महत्वपूर्ण होते हैं. शादीशुदा जोड़े अपने वैवाहिक जी,वन को सुखमय बनाने की चाहत में व्रत रखते हैं ताकि भगवान शिव और माता पार्वती दोनों का आशीर्वाद उन्हें प्राप्त हो सके l
सावन व्रत और पूजा-विधि :
-सावन माह के दौरान सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें।
- आस पास स्थित शिव मंदिर में जाकर शिवजी के दर्शन करते हुए शिवलिंग पर गंगाजल और दूध से अभिषेक करें।
- ध्यान रहे कि भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र,धतूरा,गंगाजल और दूध अवश्य शामिल हो
- सावन माह में शिवजी के जलाभिषेक के दौरान “ओम् नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें, वैसे तो भगवान शिव के और भी मंत्र हैं परंतु यह सबसे सरल है l
- पूजा के अंत में अपनी सभी तरह की मनोकामना की पूर्ति के लिए भगवान शिव से प्रार्थना करें और उनकी आरती करते शिव चालीसा का पाठ करें।
सावन माह में सोमवार व्रत की तिथि :
सोमवार, 08 अगस्त सावन सोमवार व्रत l
शुक्रवार, 12 अगस्त श्रावण मास का अंतिम दिन
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