न्याय के देवता और यमराज के भाई हैं सूर्यपुत्र शनिदेव । यह एक ऐसे देवता हैं जिनके क्रोध से इंसान तो क्या देवता भी कांप उठते हैं। सभी बने बनाए काम बिगड़ जाते है,जिस किसी पर भी शनिदेव की वक्री दृष्टि पड़ जाती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि शनिदेव सिर्फ बुरे कर्मों का फल देते है। सच्चे और ईमानदार लोगों को शनिदेव उनके सही कर्मों का फल देते हैं। कहते हैं शनिदेव की कृपा से तो भिकारी भी राजा बन जाता है। जो भी व्यकित शनिदेव से जुड़े दान और उनके मंत्रों का जाप करता है,उसे बढ़ते कर्ज से मुक्ति पाने में मदद मिलती है।
शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है साथ ही बीमारियों से भी छुटकारा मिलता है यहीं नहीं शनिदेव की पूजा से साढ़ेसाती के प्रकोप से भी निजात मिलती है। शनिदेव सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है। शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के पत्तों की पूजा का बहुत महत्व हैं। माना जाता है इससे धन संबंधी परेशानियां ख़त्म हो जाती हैं।
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पीपल के पेड़ पर सारे देवी - देवताओं की कृपा मानी जाती है । खासकर के भगवान विष्णु की । पीपल के पेड़ का पूजन खासकर शनि दोष मिटाने के लिए भी किया जाता हैं । कहा जाता है कि शनिवार को पीपल के पेड़ को जल अर्पित करने से शनि देव को शांति मिलती है और शनि दोष दूर हो जाता हैं । शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की परिक्रमा का भी बहुत महत्व बताया गया है और पीपल के पेड़ के पत्तों के बहुत से उपाय बताए गए हैं । यह उपाय आर्थिक परेशानी को दूर करते हैं।
शनिवार की शाम को विधिवत शनिदेव की पूजा करें इसके बाद पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दिया जलाएँ । उसी पीपल के पेड़ के कुछ पत्तों को तोड़कर घर ले आए और उन्हें गंगाजल से धो लें फिर पानी में हल्दी डालकर एक गाढ़ा घोल बना लें और दाहिने हाथ की अनामिका अंगुली से इस घोल को लेकर पीपल के पत्ते पर छिड़के । इसे अपने घर के पूजास्थल पर रखें और धूप-बत्ती आदि से इसकी पूजा करें।
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