Rudraksh
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रुद्राक्ष बहुत शुभ माना जाता है और शास्त्र कहते हैं कि यह अत्यंत असरदायक फल देता है. नवरात्रि के समय पर यदि रुद्राक्ष को धारण किया जाए तो इसके बहुत चमत्कारिक प्रभाव मिलते हैं. माना जाता है कि रुद्राक्ष पहनने वाले पर न केवल शिव की कृपा होती है, बल्कि महालक्ष्मी की भी कृपा होती है. ऎसे में नवरात्रि के समय पर रुद्राक्ष को धारण करना इन फलों में वृद्धि करने वाला होता है. यह रुद्राक्ष मन की एकाग्रता और आत्मविश्वास जैसी शक्तियों को बढ़ाता है. जो लोग बुरी आदतों और व्यसनों से बचना चाहते हैं उनके लिए इस समय रुद्राक्ष को धारण करना बेहद शुभ फल देने वाला होता है.
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रुद्राक्ष के लाभ और प्रभाव
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भगवान शिव के स्वरूप से कई चीजें जुड़ी हुई हैं, रुद्राक्ष धारण करने से कई तरह की परेशानियां अपने आप दूर हो जाती हैं. रुद्राक्ष पहनते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी माना गया है. अगर आप रुद्राक्ष की माला बना रहे हैं तो हमेशा ध्यान रखें कि कुछ नियमों का ध्यान रख कर इन्हें अपनाएं. रुद्राक्ष का अर्थ है रुद्र अक्ष यानी भगवान शिव के आंसू. धार्मिक ग्रंथों में रुद्राक्ष से जुड़ी कई कहानियां मिलती हैं. रुद्राक्ष के बिना भगवान शिव का श्रृंगार अधूरा माना जाता है.
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इसके कई तरह के लाभ और प्रभाव हम देख सकते हैं. रुद्राक्ष रोगों के अलावा और मस्तिष्क के रोगों को भी ठीक कर सकता है. यह रुद्राक्ष कुंडली में ग्रहों के दुष्प्रभाव को दूर करने में मदद करता है. रुद्राक्ष झगड़ों को रोककर और अच्छी समझ को बढ़ावा देकर परिवार में सद्भाव लाने में मदद करता है. यह रुद्राक्ष एकल लोगों को जल्द ही अपना जीवनसाथी ढूंढने में मदद कर सकता है. यह गोहत्या जैसे भयंकर पापों को भी दूर कर सकता है. इसे पहनने वालों को रोग, ऋण की समस्याएं जैसी बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है. कुंडली में ग्रहों के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए लोग इसे धारण करते हैं. यह रुद्राक्ष एक ही बार में भगवान शिव और पार्वती दोनों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है.
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रुद्राक्ष को धारण करने संबंधी नियम विचार
रुद्राक्ष पहनने के कई नियम हैं. इन नियमों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है, अन्यथा शुभ फल प्राप्त नहीं होते हैं.
रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं. आपके लिए कौन सा रुद्राक्ष सही रहेगा यह आपकी कूंडली दशाओं से जाना जा सकता है. रुद्राक्ष को कई तरह से उपयोग में लाया जा सकता है. माला की तरह धागे में पिरोकर पहना जा सकता है, चांदी या सोने में जड़वाकर भी पहन सकते हैं. नवरात्रि के समय इसे धारण करना एक बेहद शुभ फल प्रदान करने वाला माना गया है.