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Rangbhari Ekadashi 2024: रंग भरी एकदशी के दिन विवाह सुख पाने के लिए उमा महादेव व्रत देगा लाभRangbhari Ekadashi Puja : रंग भरी एकादशी के दिन शिव पार्वती पूजा से मिलता है सुखी वैवाहिक जीवन का आशिर्वाद. यदि दांपत्य जीवन में चल रहा है तनाव तो इस दिन जरुर करें
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Rangbhari Ekadashi 2024: रंग भरी एकदशी के दिन विवाह सुख पाने के लिए उमा महादेव व्रत देगा लाभ
Rangbhari Ekadashi Puja : रंग भरी एकादशी के दिन शिव पार्वती पूजा से मिलता है सुखी वैवाहिक जीवन का आशिर्वाद. यदि दांपत्य जीवन में चल रहा है तनाव तो इस दिन जरुर करें भगवान शिव के साथ माता पार्वती का पूजन.
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Rangbhari Ekadashi importanc : इस वर्ष आने वाली रंगभरी एकादशी का व्रत यदि रख लिया जाए तथा इस दिन देवी पार्वती स्त्रोत का पाठ किया जाए तो नही सताएगा कोई भी दुख और मिलेगा अपने प्रेमी का साथ.
किया जाएगा. फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की इस एकादशी को होली से पूर्व आने वाली एकादशी के रुप में विशेष माना गया है. इसी कारण इस एकादशी को रंग भरी एकादशी भी कहते हैं. रंग भरी एकादशी के दिन भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा करना सर्वोत्तम माना जाता है. इस दिन किया गया पूजन मनोवांछित वर प्रदान करता है तथा सुखी वैवाहिक जीवन मिलता है. अगर कोई मतभेद चल रहे हैं तो वह भी समाप्त हो जाते हैं. इस दिन को दांपत्य जीवन की इच्छा को पूर्ण करने वाला माना गया है.
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सुखी ववैवाहिक जीवन का मिलता है वरदान
शास्त्रों में इस एकादशी के विषय में कहा गया है कि इस रंग भरी एकादशी का व्रत प्रभाव से मिलता है विवाह का सुख यदि विवाह नहीं हो पा रहा है तो इस दिन व्रत करने से विवाह होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. इस एकादशी के दिन पूजा करने तथा रंगों का दान करने से व्यक्ति के दांपत्य से जुड़े दुख दूर हो जाते हैं. रंग भरी एकादशी के दिन शिव पार्वती का पूजन हर किसी को सुख देता है. इस समय पर्वती स्त्रोत का पाठ करने से हर प्रकार के व्यवधान भी दूर हो जाते हैं.होलिका दहन पर पवित्र अग्नि में कराएं विशेष वस्तु अर्पित, होंगी माँ लक्ष्मी प्रसन्न - 24 मार्च 2024
रंग भरी एकादशी के दिन गौरा के साथ हुए महादेव शिव
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस एकादशी के दिन ही भगवान शिव माता पार्वती को अपने साथ काशी में लाए. तब उनके साथ यहां उन्होंने अपने गणों के साथ रंगों से इस दिन को मनाया इसी कारण इस दिन को रंगभरी एकादशी के नाम से जाना गया. आज भी यही परंपरा मनाई जाती है. यदि अपने वैवाहिक जीवन में सुख पाना चाहते हैं तो इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव को रंग अवश्य अर्पित करने चाहिए. लाल गुला का अर्पण प्रेम को प्रदान करता है. इसी के साथ पार्वती स्त्रोत करने से मिलता है अपने प्रेमी का साथ तथा जीवन साथी का सुख सौभाग्य.
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।। पार्वती स्तोत्र।।
शक्तिस्वरूपे सर्वेषां सर्वाधारे गुणाश्रये।सदा शंकरयुक्ते च पतिं देहि नमोsस्तु ते।।
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सृष्टिस्थित्यन्त रूपेण सृष्टिस्थित्यन्त रूपिणी।
सृष्टिस्थियन्त बीजानां बीजरूपे नमोस्तु ते।।
हे गौरि पतिमर्मज्ञे पतिव्रतपरायणे।
पतिव्रते पतिरते पतिं देहि नमोस्तु ते।।
सर्वमंगल मंगल्ये सर्वमंगल संयुते।
सर्वमंगल बीजे च नमस्ते सर्वमंगले।।
सर्वप्रिये सर्वबीजे सर्व अशुभ विनाशिनी।
सर्वेशे सर्वजनके नमस्ते शंकरप्रिये।।
परमात्मस्वरूपे च नित्यरूपे सनातनि।
साकारे च निराकारे सर्वरूपे नमोस्तु ते।।
क्षुत् तृष्णेच्छा दया श्रद्धा निद्रा तन्द्रा स्मृति: क्षमा।
एतास्तव कला: सर्वा: नारायणि नमोस्तु ते।।
लज्जा मेधा तुष्टि पुष्टि शान्ति संपत्ति वृद्धय:।
एतास्त्व कला: सर्वा: सर्वरूपे नमोस्तु ते।।
दृष्टादृष्ट स्वरूपे च तयोर्बीज फलप्रदे ।
सर्वानिर्वचनीये च महामाये नमोस्तु ते।।
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शिवे शंकर सौभाग्ययुक्ते सौभाग्यदायिनि।
हरिं कान्तं च सौभाग्यं देहि देवी नमोमानास्तु ते।।
स्तोत्रणानेन या: स्तुत्वा समाप्ति दिवसे शिवाम्।
नमन्ति परया भक्त्या ता लभन्ति हरिं पतिम्।।
इह कान्तसुखं भुक्त्वा पतिं प्राप्य परात्परम्।
दिव्यं स्यन्दनमारुह्य यान्त्यन्ते कृष्णसंनिधिम्।।