राहु केतु के असर से कुंडली में ग्रहण एवं कालसर्प जैसे दोष बन जाते हैं और जब यह योग बनते हैं तो जीवन में सफलता को पाना मुश्किल होता है. राहु-केतु को छाया ग्रह के रूप में स्थान दिया गया है.
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वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, राहु-केतु का सौर मंडल में कोई अस्तित्व नहीं है. ज्योतिष के विशेषज्ञों का कहना है कि जब राहु-केतु से संबंधित दोष कुंडली में मौजूद होते हैं, तो व्यक्ति को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
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राहु-केतु दोषों से पीड़ित व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और आर्थिक समस्याओं का सामना करता रहता है. राहु-केतु हमेशा अशुभ प्रभाव डालता है, ऐसा नहीं है. यदि राहु-केतु एक व्यक्ति की कुंडली में मजबूत स्थिति में हो, तो शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं. ज्योतिष के अनुसार यदि सावन माह में इन के लिए कुछ उपाय कर लिए जाएं तो अनुकूल फल देखने को मिलते हैं.
आइए जानते हैं कि राहु-केतु जीवन को कैसे प्रभावित कर सकता है और सावन में इसके लिए क्या करें उपाय
कुंडली में राहु का सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव
अक्सर लोग राहु का नाम सुनकर भयभीत होते हैं. लोग हमेशा राहु को एक ऐसा ग्रह मानते हैं जो अशुभ परिणाम देता है. ज्योतिष के अनुसार, अगर कुंडली में राहु की स्थिति अच्छी है तो यह शुभ परिणाम देता है. लेकिन जिनकी कुंडली में ये अशुभ परिस्थितियों में रहते हैं तो उसका खराब फल देते हैं.
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राहु- यदि केतु किसी व्यक्ति की कुंडली में एक अशुभ घर में बैठा है, तो एक व्यक्ति को नींद, धन, वित्तीय परेशानियों, पारिवारिक तनाव, बच्चों से दर्द और जोड़ों में दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
सावन माह के समय नियमित रुप से शिवलिंग अभिषेक करने से राहु केतु के खराब फल शांत हो जाते हैं.
सावन माह में रुद्राभिषेक करने से राहु केतु का बुरा प्रभाव समाप्त होता है तथा शुभ फल प्राप्त होते हैं.
सावन माह में शिव का तेल से अभिषेक करने से भी राहु केतु के खराब फल दूर होते हैं. तो इस बार सावन माह में भगवान शिव की पूजा एवं शिव अभिषेक द्वारा आप भी पा सकते हैं राहु केतु के पप प्रभावों से मुक्ति.
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